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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बोले- 'प्यार-प्यार होता है', US सीनेट में ऐतिहासिक समलैंगिक विवाह विधेयक पारित

LGBTQ Marriage Bill passed in US Senate अमेरिकी सीनेट ने समलैंगिक विवाह की रक्षा करने के लिए ऐतिहासिक विधेयक को पारित कर दिया है। इस विधेयक के समर्थन में 61 वोट पड़े जबकि 36 वोट विपक्ष में पडे़।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalPublished: Wed, 30 Nov 2022 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 08:17 AM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बोले- 'प्यार-प्यार होता है', US सीनेट में ऐतिहासिक समलैंगिक विवाह विधेयक पारित
US सीनेट में ऐतिहासिक समलैंगिक विवाह विधेयक पारित (फाइल फोटो)

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी सीनेट ने समलैंगिक विवाह की रक्षा करने के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक के पारित होने से उन जोड़ों को सुरक्षा मिल पाएगी, जिन्होंने 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शादी की है।

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विधेयक के समर्थन में पड़े 61 वोट

दरअसल, अमेरिकी सीनेट में इस विधेयक के पारित होने से समलैंगिक विवाह देश भर में वैध हो गया है। इस विधेयक को पारित करने के लिए 12 रिपब्लिकन का समर्थन मिला है। इसके समर्थन में 61 वोट पड़े, जबकि 36 वोट विपक्ष में पडे़। यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि समान लिंग और अंतरजातीय विवाह संघीय कानून में निहित हो।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने जताई खुशी

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि आज के द्विदलीय सीनेट में विवाह अधिनियम के सम्मान के साथ पारित होने से साबित होता है कि हमारा देश एक मौलिक सत्य की पुष्टि करने जा रहा है, उन्होंने कहा कि प्यार-प्यार होता है। मैं इस कानून को पारित करने और इसे अपनी डेस्क पर भेजने के लिए सदन की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जहां मैं गर्व से कानून पर हस्ताक्षर करूंगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद यह सुनिश्चित होगा कि LGBTQ के युवा इस बात के साथ बड़े होंगे कि वे भी पूर्ण, खुशहाल जीवन जी सकें और अपने परिवार का निर्माण कर सकें।

इसके अलावा सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा कि इस कानून को लंबे समय से पारित करने की कोशिश की जा रही थी, जो अधिक समानता की दिशा में अमेरिका के कठिन लेकिन अक्षम्य कदमों का हिस्सा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मिली विधेयक को गति

इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट के जून में आए फैसले के बाद से लगातार गति मिली है, जिसने गर्भपात के संघीय अधिकार को पलट दिया था। यह एक ऐसा फैसला था, जिसमें जस्टिस क्लेरेंस थॉमस की सहमति वाली राय भी शामिल थी। जिसमें सुझाव दिया गया था कि समलैंगिक विवाह भी खतरे में आ सकता है।

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