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जानिए, क्यों बच्चों पर कोरोना संक्रमण का होता है कम असर जबकि वयस्कों के लिए है जानलेवा

फेफड़े में कोरोना वायरस का आगमन एंजियोटेनसिन कनवर्टिग एनजाइम (ACE2) के कारण होता है जो कम उम्र में शरीर में होता ही नहीं है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 07:35 PM (IST)
जानिए, क्यों बच्चों पर कोरोना संक्रमण का होता है कम असर जबकि वयस्कों के लिए है जानलेवा
जानिए, क्यों बच्चों पर कोरोना संक्रमण का होता है कम असर जबकि वयस्कों के लिए है जानलेवा

न्यूयार्क, एजेंसियां। एक नए शोध में पता लगाया गया है कि नोवल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) से होने वाली घातक वैश्विक महामारी कोविड-19 का बच्चों पर कम असर क्यों है जबकि वयस्कों के लिए यह जानलेवा है। जवाब है कि बच्चों के फेफड़े की बनावट ऐसी है कि उनमें कोरोना वायरस का प्रवेश नहीं हो पाता है।

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अमेरिकन जनरल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार अमेरिका में कोविड-19 के पहले 1,49,082 मरीजों में सिर्फ 1.7 फीसद मरीज ही बच्चे या 18 साल से कम के थे। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ता मैथ्यू हार्टिग ने बताया कि फेफड़े में कोरोना वायरस का आगमन एंजियोटेनसिन कनवर्टिग एनजाइम (ACE2) के कारण होता है जो कम उम्र में शरीर में होता ही नहीं है। यह एनजाइम उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में बढ़ता जाता है। इसके कारण वयस्कों में आसानी से कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाता है। यह एनजाइम बच्चों में स्वाभाविक रूप से बहुत कम होता है।

बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अलग तरीके से काम करती है

उन्होंने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों की प्रतिरोधक क्षमता के मुकाबले अलग तरीके से काम करती है। इसीलिए बच्चों में ऐसे गंभीर रोगों की गुंजाइश बहुत कम होती है। इसके अलावा बच्चों में टी सेल होती हैं जो किसी भी किस्म की सूजन और जलन से निपटने में बेहद सक्षम होती हैं। टी कोशिकाओं में संक्रमण से लड़ने की ताकत के साथ ही उससे बचाव करने की भी अतिरिक्त क्षमता होती है।

टी-सेल की तादात हो जाती है काफी कम

शोध में बताया गया है कि कोविड-19 के मरीजों में देखा गया है कि उनमें टी-सेल की तादाद काफी कम हो जाती है। इससे वायरस से लड़ने की क्षमता भी घट जाती है। बच्चों में स्वाभाविक रूप से टी-सेलों में इंटरल्यूकिन 10 का उच्च स्तर होता है। इन्हें ह्यूमन साइटोकिन सिनथेसिस भी कहते हैं।


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