जानिए आखिर अमेरिका ने ईरान में हमला करने के लिए क्यों चुनी सिर्फ 52 जगहें
1979 में ईरान ने 52 अमरीकियों को एक साल तक बंदी बनाकर रखा था। ये 52 इलाके उन 52 अमरीकियों का प्रतिनिधित्व करता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। बीते दो दिनों से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव जारी है। अमेरिका ने एयर स्ट्राइक करके ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी। इसके बाद दोनों देशों के बीच जंग के आसार बढ़ गए हैं। सुलेमानी की हत्या किए जाने के बाद अमेरिकी दूतावास के पास हमले हो चुके हैं, ये हमला किसकी ओर से किया गया ये अभी साफ नहीं है। खैर हम बात कर रहे थे उन 52 इलाकों की जिसको अमेरिका ने निशाना बनाने की बात कही है।
आखिर 52 इलाकों को ही क्यों किया टारगेट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके निशाने पर ईरान के 52 इलाके हैं। उन्होंने बताया कि इन 52 इलाकों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि 1979 में ईरान ने 52 अमरीकियों को एक साल तक बंदी बनाकर रखा था। ये 52 इलाके उन 52 अमरीकियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी के साथ डोनल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमरीका 52 ईरानी जगहों को 'निशाना' बना रही है और अगर ईरान किसी अमरीकी नागरिक या संपत्ति पर हमला करता है तो उस पर 'बहुत तेजी से और बहुत मजबूती से' हमला करेगा। उन्होंने कहा कि अमरीका ने ऐसी 52 ईरानी जगहों को चिह्नित कर लिया है जो "काफ़ी महत्वपूर्ण हैं और ईरान और उसकी संस्कृति के लिए अहम हैं वो सब उनके निशाने पर हैं।
They attacked us, & we hit back. If they attack again, which I would strongly advise them not to do, we will hit them harder than they have ever been hit before! https://t.co/qI5RfWsSCH" rel="nofollow
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 5, 2020
शुक्रवार को मारा गया था कासिम सुलेमानी
ईराक के बगदाद एयरपोर्ट के बाहर शुक्रवार को ईरान के सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी अमरीका की एयरस्ट्राइक में मारे गए थे, सुलेमानी ईरान की बहुचर्चित कुद्स फोर्स के प्रमुख थे, यह फोर्स ईरान द्वारा विदेशों में चल रहे सैन्य अभियानों को अंजाम देने के लिए जानी जाती है। सुलेमानी एक खुफिया अधिकारी और सैन्य अधिकारी के तौर पर ईरान के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते थे। ईरान के सुप्रीम लीडर आयातोल्लाह खामेनेई के बाद उन्हें ईरान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चेहरा भी कहा जाता है।
अमरीका ने क़ुद्स फोर्स को 25 अक्तूबर 2007 को ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था और इस संगठन के साथ किसी भी अमरीकी के लेनदेन किए जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। अमरीका ने सुलेमानी को आतंकवादी भी घोषित कर रखा था। अमरीका का कहना था कि सैंकड़ों अमरीकी नागरिकों की मौत के लिए सुलेमानी जिम्मेदार थे।
The United States just spent Two Trillion Dollars on Military Equipment. We are the biggest and by far the BEST in the World! If Iran attacks an American Base, or any American, we will be sending some of that brand new beautiful equipment their way...and without hesitation!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 5, 2020
बगदाद में अमेरिकी ठिकानों पर हमला
शनिवार रात बगदाद के बेहद सुरक्षित इलाके ग्रीन जोन और अल-बलाद एयरबेस पर रॉकेट और मोर्टार हमले हुए। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया है। माना जा रहा है कि अमेरिकी ठिकानों पर ये हमला ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की ड्रोन हमले में मौत के बाद ईरान ने पलटवार करते हुए इन हमलों को अंजाम दिया है। हमलों में पांच लोगों के घायल होने की खबर है।सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग्रीन जोन में दो मोर्टार और एयरबेस पर दो रॉकेट दागे गए। ग्रीन जोन बगदाद का बेहद सुरक्षित इलाका है, जहां अमेरिकी दूतावास स्थित है।