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जानिए तालिबान नेताओं ने अफगानिस्तान में जंग बंद करने के लिए अमेरिका के सामने कौन-कौन से विकल्प रखें

अफगानिस्तान में जंग खत्म करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत हो चुकी है दोनों पक्षों में कुछ बातों को लेकर सहमति बनी है। अब इसका ऐलान होना है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 01:09 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 01:09 PM (IST)
जानिए तालिबान नेताओं ने अफगानिस्तान में जंग बंद करने के लिए अमेरिका के सामने कौन-कौन से विकल्प रखें
जानिए तालिबान नेताओं ने अफगानिस्तान में जंग बंद करने के लिए अमेरिका के सामने कौन-कौन से विकल्प रखें

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। तालिबान अफगानिस्तान में अपनी शर्तों पर युद्ध बंद करने के लिए तैयार है, इसके लिए उनकी ओर से अमेरिका को दो विकल्प भी दिए गए हैं। इसके तहत तालिबानी नेता ये कह रहे हैं कि यदि अमेरिका उनके खिलाफ अभियान रोक दें तो वो पूरी तरह से युद्ध बंद करने को तैयार हैं, दूसरा विकल्प ये है कि अमेरिका अफगानिस्तान में जिन जगहों से अपनी सेना को हटा लेगा वहां पर वो हमले नहीं करेंगे।

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अब ये अमेरिका को तय करना है कि वो इन दोनों में से किस विकल्प पर विचार करता है या फिर वो अपनी बात पर अड़ा रहता है। इस बीच अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि पाकिस्तान अगर अपने यहां तालिबान को पनाह देना बंद कर दे तो कुछ हफ्तों में ही अफगानिस्तान में जारी युद्ध समाप्त हो जाएगा।

युद्ध रोकने के लिए तालिबान के बजाय पाकिस्तान से करें बात 

उनका कहना है कि अमेरिका को अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के बजाय पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत कर हम गलती कर रहे हैं। हमें इस मामले में सीधे पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए। यदि पाकिस्तान तालिबान को अपने यहां पनाह देना बंद कर दे तो अफगानिस्तान में कुछ सप्ताह में ही युद्ध समाप्त हो जाएगा। अमेरिका ने बीते शनिवार को ही कतर में तालिबान से एक बार फिर बातचीत शुरू की है। 

क्रिसमस या नए साल पर होगा शांति का एलान 

मालूम हो कि करीब तीन महीने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर किसी भी तरह की बातचीत बंद कर दी थी। तालिबान ने कहा है कि अमेरिका के साथ उसके शांति करार की संभावनाएं इस बार मजबूत हैं। तालिबान को इतना विश्वास है कि क्रिसमस या नए साल के शुरू तक अमेरिका इस करार के होने का ऐलान भी कर देगा।

अब जो करार हुआ है उसके बारे में जल्द ही ऐलान भी किया जाना है फिलहाल ऐसी जानकारी है कि उस तारीख और जगह की तलाश की जा रही है जहां पर इस शांति समझौते का ऐलान किया जाएगा। इससे पहले सितंबर माह में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ इस मुद्दे पर शांति समझौते के तहत की जाने वाली वार्ता को रद्द कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शांति वार्ता के लिए अधिकांश बातों पर हुई सहमति 

पाकिस्तानी मीडिया में इस बारे में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में शांति वार्ता से जुड़े एक तालिबानी नेता का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार शांति प्रक्रिया की अधिकांश बातों पर बात हो चुकी है, दोनों पक्षों ने इस पर सहमित जता दी है। अब इसका ऐलान होना ही बाकी रह गया है। ऐसी उम्मीद है कि इस माह क्रिसमस के दिन या उसके बाद नए साल पर अमेरिका इस शांति समझौते का ऐलान करेगा। या अभी कुछ और चीजें जोड़ी या हटाई जानी होंगी तो उसके लिए भी भरपूर समय है। अमेरिका इसमें वो चीजें कर पाएगा।

इस शांति वार्ता में अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व उसके विशेष दूत जाल्मे खलीलजाद कर रहे हैं जबकि तालिबान पक्ष का नेतृत्व मुल्ला अब्दुल गनी बिरादर के पास है। तालिबान को लग रहा है कि अमेरिका इस बार शांति वार्ता को लेकर 'गंभीर' है। खलीलजाद के अलावा दोहा वार्ता में अफगानिस्तान में अमेरिका के सैन्य कमांडर जनरल स्कॉट मिलर भी हिस्सा ले रहे हैं।  


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