Move to Jagran APP

US Capitol Violence: जानें, अमेरिकी हिंसा पर विदेशी मीडिया का क्‍या है नजरिया, उपद्रव का गुनहगार कौन

American Capitol violence अमेरिका के अधिकतर अखबारों एवं मीडिया ने इसे लीड खबर बनाई है। आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिका और विदेशी मीडिया ने इस हिंसा को किस नजरिए से देखा है। उनके अखबार का इस सियासी हिंसा पर क्‍या दृष्टिकोण है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 08:06 AM (IST)
US Capitol Violence: जानें, अमेरिकी हिंसा पर विदेशी मीडिया का क्‍या है नजरिया, उपद्रव का गुनहगार कौन
अमेरिका में सत्‍ता के लिए हिंसा पर अमेरिका और विकसित देशों की मीडिया का नजरिया। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका में सत्‍ता के लिए हिंसा को अमेरिका और विकसित देशों की मीडिया ने किस नजरिए से देखा। किस तरह से कवर किया उसे पढ़कर आप चकित रह जाएंगे। दुनिया के प्रमुख अखबारों एवं वेबसाइटों ने भी इसे प्रमुखता से कवर किया। अमेरिका के अधिकतर अखबारों एवं मीडिया ने इसे लीड खबर बनाई है। आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिका और विदेशी मीडिया ने इस हिंसा को किस नजरिए से देखा है। उनके अखबार का इस सियासी हिंसा पर क्‍या दृष्टिकोण है। 

loksabha election banner

US : राष्‍ट्रपति ट्रंप को हिंसा के लिए असली गुनहगार करार दिया

अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्‍ट ने इस हिंसा को पहले पन्‍ने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसे अखबार की लीड खबर बनाया है। अखबार ने हिंसा की बेबाक शीर्षक दिया है। वाशिंगटन पोस्‍ट ने हेंडिंग दी है कि ट्रंप की उकसाई भीड़ संसद भवन में घुसी। खबर में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को हिंसा के लिए असली गुनहगार करार दिया है। वाशिंगटन पोस्‍ट ने लिखा है कि भीड़ को विद्रोह और हिंसा के लिए भड़काया गया। अमेरिका के अन्‍य अखबार न्‍ययॉर्क डेली न्‍यूज ने अपने पहले पन्‍ने इस लीड खबर बनाई है। अखबार ने इस एक काला दिन करार दिया है। एक ऐसा दिन करार दिया जो हमेशा बदनाम रहेगा।

UK : ब्रिटेन ने लोकतंत्र पर कब्‍जा शीर्षक से खबर को लीड बनाया

ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ ने इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। अखबार ने 'डेमोक्रेसी अंडर सीज' यानी लोकतंत्र पर कब्‍जा शीर्षक से इस खबर को लीड खबर बनाया है। अखबार ने लिखा है कि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हिंसा और मौत का दरवाजा खोला। आगे लिखा है कि ये तो बस शुरुआत है, उधड़ेगी अमेरिकी लोकतंत्र की परतें। लंदन से छपने वाले साप्‍ताहिक अखबार द इकोनॉमिस्‍ट ने अपनी वेबसाइट के होमपेज पर ट्रंप लीगेसी- दे शेम एंड द अपॉर्च्‍युनिटी नाम से एक विश्‍लेषण को प्रमुखता से जगह दी है। लेख में कहा गया है कि ट्रंप समर्थक जिस तरह कैपिटल में घुसे, उससे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन की ही राह आसान होगी।

डॉन,  गल्‍फ न्‍यूज और अल-जजीरा ने प्रमुखता से छापा  

कतर की प्रमुख वेबसाइट अल-जजीरा ने अमेरिका की इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। हिंसा की तस्‍वीरों को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया है। उदाहरण के तौर पर दुनिया भर के नेताओं ने अमेरिका में हुई हिंसा पर क्‍या कहा। इसके साथ कैसे ट्रंप समर्थक कैपिटल में प्रवेश‍ किए। अल-जजीरा की अंग्रेजी वेबसाइट ने 'अमेरिका इज कमिंग अनडन' नाम से वरिष्‍ठ पत्रकार एंड्रयू का नजरिया भी प्रकाशित किया है। संयुक्‍त अरब अमीरात से छपने वाले प्रमुख अखबार गल्‍फ न्‍यूज ने भी अपने पहले पन्‍ने पर इस खबर को प्रमुखता से अंकित किया है। ट्रंप समर्थकों के उत्‍पात को लीड खबर बनाया है। पाकिस्‍तान के प्रमुख अखबार डॉन के पहले पन्ने पर 'वाशिंगटन में 'तख्‍तापलट, ट्रंप समर्थक कैप‍िटल हिल में घुसे' शीर्ष से लीड खबर छापी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.