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जानिए कैसे पृथ्वी पर अलग-अलग समय में हुआ 'सामूहिक विनाश', गिरे थे बड़े-बड़े उल्कापिंड

यह दावा दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में खोजे गए जीवाश्मों के अध्ययन के आधार पर किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 07:26 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 11:03 PM (IST)
जानिए कैसे पृथ्वी पर अलग-अलग समय में हुआ 'सामूहिक विनाश', गिरे थे बड़े-बड़े उल्कापिंड
जानिए कैसे पृथ्वी पर अलग-अलग समय में हुआ 'सामूहिक विनाश', गिरे थे बड़े-बड़े उल्कापिंड

लॉस एंजिलिस, प्रेट्र। करोड़ों साल पहले पृथ्वी में उल्कापिंडों के गिरने से हुई सामूहिक विनाश की घटना में कई जीव-जंतुओं का समूल नाश हो गया था। इस दौरान पृथ्वी के वातावरण में सल्फर की मात्रा बढ़ गई थी, जिससे यहां के महासागर भी काफी अम्लीय हो गए थे जलीय जीवन भी प्रभावित हो गया था। अब एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 'सामूहिक विनाश' की घटनाओं के बारे में नया दावा किया है।

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उनका कहना है कि 25.2 करोड़ वर्ष पहले हुआ 'सामूहिक विनाश' पृथ्वी और समुद्र में अलग-अलग समय में हुआ है। इसमें लगभग 70 फीसद जीव-जंतु मारे गए थे। यह दावा दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में खोजे गए जीवाश्मों के अध्ययन के आधार पर किया गया है। नेचर कम्युनिकेशंस नामक जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि ये जीवाश्म 29.9 करोड़ से 25.1 साल पुराने थे, जो इस बात को पुख्ता करते हैं कि सामूहिक विनाश की घटनाएं अलग -अलग समय पर हुई थी।

95 फीसद जलीय जीव हो गए थे खत्म

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले (यूसी) के शोधकर्ताओं के अनुसार, इस सामूहिक विनाश की घटना के दौरान पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन समुद्र की तुलना में हजारों साल पहले पृथ्वी पर शुरू हुआ था। जब समुद्री में विनाश की घटनाएं होनी शुरू हुई तो उस समय लगभग 95 फीसद जलीय जीव खत्म हो गए थे।

उल्कापिंडों और भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ सामूहिक विनाश

अब तक वैज्ञानिकों का मानना था कि लाखों वर्ष की अवधि में हुई 'सामूहिक विनाश' की घटनाएं उल्कापिंडों के गिरने और भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुई थी, लेकिन पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में भूमि पर हुए 'सामूहिक विनाश' और उत्तरी गोलार्ध में समुद्री क्षेत्रों में हुई 'सामूहिक विनाश' की घटनाएं अलग-अलग तात्कालिक कारणों से हुई थी।

यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले से इस अध्ययन की सह-लेखक कैंडी लॉय ने कहा, ' ज्यादा लोग मानते हैं कि समुद्री और स्थलीय क्षेत्रों में एक ही समय पर 'सामूहिक विनाश' की घटनाएं हुई थी पर अध्ययन के निष्कर्ष कुछ और कहते हैं।' उन्होंने कहा कि इस बात की प्रबल संभावनाएं हैं कि पृथ्वी के हर हिस्से में 'सामूहिक विनाश' की घटनाएं अलग-अलग समय पर हुई। इसीलिए हर दूसरे क्षेत्र में मिले एक से जीवाश्मों का अध्ययन करने पर अलग-अलग निष्कर्ष सामने आते हैं।


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