कोरोना महामारी के दौरान तनाव को कम करने के लिए खुद को फिट रखना है बेहद जरूरी
मैगनेस ने बताया कि कि छोटे बच्चों के साथ घर पर रहने वालों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब वे वर्कआउट के बजाय अपने बच्चों के साथ टहलने पर जो दे रहे हैं।
वाशिंगटन, एएनआइ। पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है। ऐसे में लोगों में काम करने की इच्छा भी प्रभावित हो रही है। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में रहने को मजबूर हैं और जिम, पार्क बंद होने से व्यायाम में भी कम रुचि ले रहे हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं का कहना है कि विपदा की इस घड़ी में यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपनी दिनचर्या को पहले की तरह ही बनाए रखें ताकि आने वाले परिस्थितियों से मजबूती से लड़ सकें। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके लिए हमें व्यायाम करने के नए तरीके खोजने चाहिए।
ह्यूस्टन के एक रनिंग कोच और ‘पीक परफॉरमेंस’ नामक शोध के लेखक स्टीव मैगनेस ने एक विदेशी अखबार को कहा कि मौजूदा वक्त में एथलीट के बीच अभ्यास करने के लिए प्रेरणा की कमी पूरी तरह से सामान्य है। मैगनेस का कहना है कि लोगों को प्रेरित रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे अपनी दिनचर्या को बनाए रखें। आप जैसे-जैसे अपनी दिनचर्या बदलते हैं, धीरे-धीरे आप इससे दूर होते जाते हैं और फिर से नई दिनचर्या बनाने में काफी कठिनाई आती है। महामारी की वजह से अचानक हमारे घर और कार्यालय में कोई अंतर नहीं रह गया है।
वहीं, खेल मनोवैज्ञानिक जूली एमरमैन का कहना है कि शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने की जिम्मेदारी हमारी है। इसके लिए व्यायाम सबसे बेहतर तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यायाम के कई लाभों में से एक यह है कि इससे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर तरीके से काम करती है। वह यह भी कहती हैं कि बहुत ज्यादा व्यायाम करना जरूरी नहीं है क्योंकि बहुत अधिक या बहुत लंबे समय तक व्यायाम करने से आपके बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है।
मैगनेस का कहना है कि तनाव प्रबंधन के लिए भी व्यायाम एक उत्कृष्ट तरीका है। ऐसा नहीं है कि फ्रंटलाइन कार्यकर्ता ही केवल दबाव महसूस करते हैं। वर्चुअल दुनिया में काम करने वालों की भी अपनी चुनौतिया हैं क्योंकि इस दौरान आपको अकेले बैठकर पूरे दिन स्क्रीन पर काम करना होता है। इससे तनाव भी बढ़ता है। ऐसे में व्यायाम करना बेहद जरूरी हो जाता है। उनका कहना है कि यह लोगों को समझना चाहिए कि इस वक्त खुद को फिट रखना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि इसके लिए आपको जो अच्छा लगे वही करें। किसी के दबाव में न आएं।
मैगनेस ने बताया कि कि छोटे बच्चों के साथ घर पर रहने वालों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब वे वर्कआउट के बजाय अपने बच्चों के साथ टहलने पर जो दे रहे हैं। इसे भी मैगनेस सही ठहराते हैं। उनका कहना है कि इसमें बदलाव सिर्फ यह करना है कि हमें अपने लिए कुछ लक्ष्य तय करने चाहिए और उसे पूरा भी करना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि लक्ष्य चुनते वक्त सावधानी बरतें। उदाहरण के लिए, अगर आप पीठ दर्द से परेशान हैं तो आपका लक्ष्य यह होना चाहिए कि इसमें धीरे-धीरे कमी लानी है और दो हफ्ते में इससे निजात पाना है। इसके लिए आप रोजाना 20 मिनट योग कर सकते हैं।