Kamala Harris Oath Ceremony : तमिलनाडु के गांवों में जश्न का माहौल, इस तरह कर रहे खुशी का इजहार
घरों के बाहर रंगोली बनाई गई इसके साथ ही लोग टीवी पर उनका शपथ ग्रहण देखने का इंतजार कर रहे हैं। यद्यपि हैरिस के पूर्वज दशकों पहले यहां से चले गए थे लेकिन उनका तुलासेंतिरापुरम स्थित मंदिर से संबंध बना रहा।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति चुनी गई भारतीय मूल की कमला हैरिस के तमिलनाडु स्थित पैतृक गांव में जश्न का माहौल है। उनके उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले गांव के लोगों ने पटाखे चलाकर और मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे को बधाई दी। हैरिस के नाना पीवी गोपालन पूर्व राजनयिक तथा तुलासेंतिरापुरम गांव के निवासी थे। उनकी नानी राजम नजदीक के पेंगानाडु गांव से थीं।
शपथ ग्रहण समारोह का बेसब्री से इंतेजार
तुलासेंतिरापुरम और पेंगानाडु गांव के बीच की सड़क को कमला हैरिस की फोटो वाले डिजिटल बैनरों से सजाया गया है। विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने लोगों को हैरिस के तस्वीर वाले कैलेंडर वितरित किए हैं वहीं, राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने राहगीरों को मिठाइयां बांटीं। घरों के बाहर रंगोली बनाई गई इसके साथ ही लोग टीवी पर उनका शपथ ग्रहण देखने का इंतजार कर रहे हैं। यद्यपि हैरिस के पूर्वज दशकों पहले यहां से चले गए थे, लेकिन उनका तुलासेंतिरापुरम स्थित मंदिर से संबंध बना रहा। गोपालन और परिवार के अन्य लोग समय-समय पर मंदिर के पुनरोद्धार के लिए धनराशि देते रहे। मंदिर से जुड़े लोगों के मुताबिक, वर्ष 2014 में कमला हैरिस के नाम पर दान दिया गया है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद वह उस गांव जरूर आएंगी जहां पर उनके दादा रहते थे। बता दें कि कमला हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में हुआ था। उनकी मां का नाम श्यामला गोपालन हैरिस था जबकि उनके पिता जमैका के रहने वाले हैं। उनका नाम डोनाल्ड हैरिस है। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर थे।
शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे कमला हैरिस के मामा
अमेरिका की नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के मामा गोपालन बालचंद्रन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है कि महामारी अपने चरम पर है और ऐसे समय में खतरा मोल लेना ठीक नहीं रहेगा। अगर वह ऐसे समय अमेरिका जाते हैं तो अनावश्यक रूप से मीडिया का ध्यान आकर्षित होगा। नई दिल्ली में रहने बालचंद्रन से जब हैरिस को किसी तरह की सलाह देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरे पास उन्हें संदेश देने लायक कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह सब अपने दम पर किया है। मैंने उन्हें उपराष्ट्रपति बनने में किसी तरह की मदद नहीं की। आपकी मां श्यामला ने जो कुछ भी सिखाया है, वह करें। अभी तक सब ठीक कर रही हैं। बस इसी तरह से लगी रहें।' राजनीतिक सलाह देने से परहेज करते हुए बालचंद्रन ने कहा कि पहले से ही बहुत समस्याएं हैं। यहां से राजनीतिक सलाह देने का कोई मतलब नहीं है। एक बार मिलने के बाद उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराऊंगा।