दुनियाभर में बेबी टैल्कम पाउडर की बिक्री और उत्पादन बंद करेगी जॉनसन एंड जॉनसन, क्यों लिया यह फैसला...?
जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) ने वैश्विक स्तर पर बेबी टैल्कम पाउडर की बिक्री और उत्पादन को बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने अमेरिका और कनाडा में इस पाउडर की बिक्री समाप्त होने के दो साल बाद ऐसा निर्णय लिया है।
लंदन, एजेंसी। जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) ने कहा है कि अगले साल से वह अपने विवादास्पद टैल्क आधारित बेबी पाउडर की वैश्विक स्तर पर बिक्री बंद कर देगी। कंपनी अमेरिका और कनाडा में बेबी पाउडर की बिक्री दो साल पहले ही बंद कर चुकी है। कंपनी ने कहा कि वह टैल्क-आधारित पाउडर से कार्नस्टार्च-आधारित बेबी पाउडर की ओर बढ़ रही है। कंपनी के खिलाफ करीब 38,000 मुकदमे चल रहे हैं।
ये हैं आरोप
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक कई महिलाओं का आरोप है कि इस बेबी पाउडर को प्रयोग करने से उन्हें ओवेरियन कैंसर की समस्या हो गई। अमेरिकी नियामक ने भी दावा किया था उन्हें कंपनी के बेबी पाउडर में कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले हैं। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपो का खंडन किया था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ बताते हैं कि कंपनी बेबी पाउडर में जो टैल्क प्रयोग करती है वो दुनिया के सबसे साफ्ट मिनरल में से एक है। इसका निर्माण कई देशों में किया जाता है। पेपर, प्लास्टिक्स और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई दूसरी इंडस्ट्रीज में भी यह प्रयोग होता है। विशेषज्ञों की मानें तो कई बार इसमें एसबस्टस मिल जाता है, जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए लिया फैसला
साल 2020 में ही कंपनी ने इसके संकेत दिए थे। कंपनी ने कहा था कि वह कानूनी चुनौतियों और मांग में गिरावट के चलते उत्तरी अमेरिका में टैल्क आधारित पाउडर की बिक्री बंद कर देगी। इसके बाद जब अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियामक ने उत्पाद में एस्बेस्टस की मात्रा का पता लगाया तो कंपनी ने स्वेच्छा से अपने बेबी पाउडर के एक बैच को वापस ले लिया था।
कंपनी ने कहा- हमारे उत्पाद से कैंसर नहीं होता
कंपनी ने कहा है कि वह पहले ही दुनिया भर में बेबी पाउडर के कॉर्नस्टार्च आधारित वर्जन की बिक्री कर चुकी है। रही बात कॉस्मेटिक टैल्क पाउडर की तो इसकी सुरक्षा को लेकर हम पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। कंपनी ने यह भी कहा है कि टैल्क आधारित जॉनसन का बेबी पाउडर सुरक्षित हैं। इसमें एस्बेस्टस नहीं है और इससे कैंसर नहीं होता है।