सीमापार आतंकवाद और एच-1 बी वीजा पर भारत को खुश करेंगे बिडेन, भारतीयों से किया वादा
जो बिडेन ने कहा है कि यदि वह चुनाव जीत जाते हैं तो भारत के साथ रणनीतिक संबंध को उच्च प्राथमिकता देंगे और आतंकवाद की समस्या से कड़ाई से निपटेंगे।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका के चुनाव में भारत बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। भारतीय मूल की कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा, जीतने पर वह भारत के साथ रणनीतिक संबंध को उच्च प्राथमिकता देंगे। दक्षिण एशिया में व्याप्त आतंकवाद की समस्या से कड़ाई से निपटेंगे। सीमापार आतंकवाद की समस्या पर प्रहार करेंगे। भारत-अमेरिका संबंध के संवेदनशील पहलू एच-1बी वीजा नियमों को उन्होंने लचीला बनाने की वादा किया और ग्रीन कार्ड के लिए कोटा निश्चित करने वाली व्यवस्था खत्म करने की भी बात कही।
भारतीय वोटरों को लुभाने की होड़
अमेरिका में भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए राष्ट्रपति व रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन में होड़ लगी हुई है। बिडेन ने वादों का पिटारा खोलते हुए कहा, दक्षिण एशिया में आतंकवाद को और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीमापार और किसी भी तरह के आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा। जाहिर है यह बात भारत को खुश करने वाली है, जो दशकों से पाकिस्तान की ओर होने वाले सीमापार आतंकवाद को झेल रहा है। बिडेन ने वादा किया है कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की विधिसम्मत भूमिका का समर्थन करेगा।
भारतीयों के लिए जारी किया एजेंडा
साथ मिलकर काम करेगा जिससे कि चीन समेत कोई भी देश अपने पड़ोसियों को धमकाने जैसा कार्य न कर सके। खासतौर पर भारतीयों के लिए जारी 'जो बिडेन एजेंडा' में कहा गया है कि बिडेन हमेशा से मानते रहे हैं कि अमेरिका और भारत स्वाभाविक और नैसर्गिक सहयोगी हैं। इसलिए वह दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के पक्षधर हैं। बिडेन की ओर से अमेरिका में रह रहे 40 लाख भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई भी दी गई है।
ग्रीन कार्ड में देशवार बाध्यता खत्म होगी
बिडेन अगर चुनाव जीते तो वह ट्रंप के एच-1 बी वीजा को लेकर विवादित फैसलों को बदलेंगे। यह वीजा दक्ष पेशेवरों को अमेरिका में काम करने के लिए मिलता है। हर साल हजारों भारतीय इसके लिए प्रयासरत रहते हैं। बिडेन का कहना है कि वह इस वीजा के नियमों का सरलीकरण करेंगे जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाएं अमेरिका के विकास में योगदान दे सकें। इसी प्रकार से ग्रीन कार्ड (अमेरिका में सशर्त स्थायी निवास) की सुविधा में देशवार संख्या निश्चित करने का नियम भी बदलेंगे। अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय पेशेवर इस कार्ड के दावेदार हैं और वे लंबे समय से इसके लिए मांग कर रहे हैं।