जयशंकर-पोम्पिओ की फोन वार्ता पर चीन की पैनी नजर, भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल से चिंतित
वार्ता के दौरान कोरोना महामारी और भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व पर भी चिंता व्यक्त की। दोनों नेता भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और शांति पर एक मत थे।
वाशिंगटन, एजेंसी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ ने फोन पर कई ज्वलंत अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। वार्ता के दौरान कोरोना महामारी और भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व पर भी चिंता व्यक्त की। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि दोनों नेता भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और शांति पर एक मत थे। दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र की स्थिरता का समर्थन किया। इसके अतिरिक्ति कोरोना महामारी का मुकाबला करने एवं अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया का समर्थन करने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई।
भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीनी दखल पर गंभीर वार्ता
अमेरिका ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाने पर जोर दिया। इसके साथ दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में आपसी सहयोग के तौर तरीकों पर ब्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने कहा कि जिस तरह से इस पूरे क्षेत्र में चीनी दखल बढ़ रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। इससे इस क्षेत्र की स्थिरता को संकट उत्पन्न हो गया है। इस क्षेत्र में चीनी दिलचस्पी से यहां का सामरिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन की नजर यहां के प्राकृतिक संसाधनों पर है। इसके साथ वह इस क्षेत्र का सामरिक रूप से भी उपयोग करना चाहता है। इसलिए चीन निरंतर इस क्षेत्र में अपने प्रभुत्व को बढ़ाने में जुटा है।
मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए सहयोग पर भी अपनी सहमति
जयशंकर एवं पोम्पिओ ने क्षेत्रीय और अंतररार्ष्ट्रीय मुद्दों पर पूर्ण सहयोग जारी रखने पर अपनी सहमति जताई। दोनों नेताओं ने इस वर्ष के अंत में अमेरिका-भारत 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए सहयोग करने पर भी अपनी सहमति व्यक्त की। बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तंत्र को मंजूरी दिए जाने के बाद सितंबर 2018 में पहली 2 + 2 वार्ता नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
तीन वर्ष पूर्व दोनों देशों की पहल
नवंबर 2017 में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को चीनी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए लंबे समय से लंबित चतुर्भुज गठबंधन को आकार दिया था। गोवा में 2018 में होने वाले भारत-अमेरिका समुद्री सुरक्षा संवाद के तीसरे दौर के दौरान इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई थी।