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ट्रंप के करीबी ने की थी कश्मीरी अलगाववादियों के लिए लॉबिंग

ट्रंप के एक पूर्व सलाहकार जार्ज पापाडोपलस ने स्वीकारा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनकी रूसी बिचौलियों से मुलाकात हुई थी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 04:44 PM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 05:15 PM (IST)
ट्रंप के करीबी ने की थी कश्मीरी अलगाववादियों के लिए लॉबिंग
ट्रंप के करीबी ने की थी कश्मीरी अलगाववादियों के लिए लॉबिंग

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी घिर गए हैं। मामले की जांच कर रहे संघीय जांचकर्ताओं ने ट्रंप के पूर्व चुनाव प्रभारी पॉल मैनफोर्ट और एक अन्य सहयोगी रिक गेट्स पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने, टैक्स चोरी और मनी लांड्रिंग समेत 12 आरोप लगाए हैं।

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राष्ट्रपति चुनाव मामले की जांच में वाशिंगटन की संघीय अदालत में 30 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। वहीं ट्रंप के एक पूर्व सलाहकार जार्ज पापाडोपलस ने स्वीकारा कि उन्होंने एफबीआइ से झूठ बोलने का अपराध किया था। पापाडोपलस ने माना कि चुनाव प्रचार के दौरान उनकी रूसी बिचौलियों से मुलाकात हुई थी।

राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल मामले की एफबीआइ के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट मूलर पिछले पांच महीने से जांच कर रहे हैं। उनकी नियुक्ति अमेरिकी न्याय विभाग ने की है। मैनफोर्ट और गेट्स ने कोई अपराध करना स्वीकार नहीं किया है। दोनों पर रूस समर्थक यूक्रेन की पूर्व सरकार के लिए एजेंट के तौर पर काम करने के भी आरोप लगाए गए हैं। जज ने दोनों को नजरबंद रखने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।

ह्वाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने पत्रकारों से कहा कि इस आरोपपत्र का ट्रंप या उनकी प्रचार टीम से कोई लेनादेना नहीं है। प्रचार टीम और रूस के बीच मिलीभगत का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है।

क्या है मामला

रॉबर्ट मूलर और संसद की कई समितियां यह जांच कर रही हैं कि अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव को रूस ने कथित रूप से प्रभावित करने का प्रयास किया था या नहीं। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि रूस ने हैकिंग, शर्मसार करने वाले ईमेल के जरिये और सोशल मीडिया में उकसावे वाले संदेश डालकर चुनाव में हस्तक्षेप किया था। इसमें ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की छवि धूमिल करने वाली सामग्री भी थी।

हालांकि इन आरोपों से रूस इन्कार कर चुका है। ट्रंप भी मिलीभगत के आरोपों को नकार चुके हैं। आरोप पत्र के अनुसार पॉल मैनफोर्ट का जीवन विलासिता से भरा था। उन्होंने घर, कपड़े व कालीन पर करोड़ों रुपये खर्च किए। दो साल में ही मैनफोर्ट ने 6.47 करोड़ रुपये से आठ कालीन खरीदे। कपड़ों के शौक पर 8.41 करोड़ रुपये फूंक डाले। उन्होंने वर्जीनिया, मैनहट्टन से लेकर अमेरिका के कई शहरों में घर बना रखे हैं।

कौन हैं मैनफोर्ट

68 वर्षीय मैनफोर्ट का ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से लंबे समय से जुड़ाव है। वह मार्च 2016 में ट्रंप की प्रचार टीम से जुड़े और उसी साल जून में प्रचार अभियान के प्रबंधक बना दिए गए।

कश्मीरी अलगाववादियों के लिए की लॉबिंग

मैनफोर्ट लॉबिस्ट भी रह चुके हैं। वह वैसे लोगों में शामिल थे जिन्होंने अमेरिका में कश्मीरी अलगाववादी समूहों के लिए लॉबिंग की थी।

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