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मोटापे से परेशान लोगों के लिए बड़ी खबर, इस प्रोटीन के स्तर में कमी लाने से घटने लगती है वसा

मोटापे की समस्या से बचने के लिए अब शोधकर्ताओं ने एक नया तरीका सुझाया है। उन्होंने मोटापे से जुड़े एक नए प्रोटीन की पहचान की है जो शरीर से वसा कम करने में मदद कर सकता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 08:37 PM (IST)
मोटापे से परेशान लोगों के लिए बड़ी खबर, इस प्रोटीन के स्तर में कमी लाने से घटने लगती है वसा
मोटापे से परेशान लोगों के लिए बड़ी खबर, इस प्रोटीन के स्तर में कमी लाने से घटने लगती है वसा

वाशिंगटन डीसी, एएनआइ। मोटापा कम करने के लिए आप लोगों को अक्सर जिम में खूब पसीना बहाते या फिर खूब दौड़-भाग करते देखते होंगे। इसके बावजूद भी कई लोगों पर इन सब का कोई खास असर होता नहीं दिखता है। मोटापे से शरीर को गंभीर व्याधियों से घिर जाता है और कई लोगों की मौत का कारण भी बनता है। इस समस्या से बचने के लिए अब शोधकर्ताओं ने एक नया तरीका सुझाया है। उन्होंने मोटापे से जुड़े एक नए प्रोटीन की पहचान की है, जो शरीर से वसा कम करने में मदद कर सकता है।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि आइआरएचओएम2 नामक प्रोटीन में कमी लाए जाने से मोटापा कम किया जा सकता है। उन्होंने यह निष्कर्ष चूहों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला गया है।

मोटापा पूरी दुनिया के लिए गंभीर चुनौती के तौर पर उभर रहा है। इस समस्या के चलते हृदय रोग से लेकर डायबिटीज रोग का खतरा बढ़ रहा है। मोटापे के मामले में पुर्तगाल के हालात सबसे खराब हैं। यहां लगभग आधी आबादी मोटापे की समस्या से ग्रस्त है और लगभग 10 लाख वयस्क भी इसकी चपेट में हैं।

मॉलीक्यूलर मेटाबोलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में प्रमुख शोधकर्ता कोलिन एड्रेन ने कहा, 'शोध के दौरान मेटाबोलिक टिश्यू और अंगों में आइआरएचओएम 2 प्रोटीन की व्यापक मौजूदगी पाई गई है। इस आधार पर हमने मोटापे में इस प्रोटीन की भूमिका पर विस्तृत अध्ययन करने का निर्णय लिया है।'

ऐसे किया अध्ययन 

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने माउस मॉडल का प्रयोग किया और उन्हें दो समूहों में बांटा और उनके आइआरएचओएम2 नामक प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित किया। साथ ही, एक समूह के चूहों को सामान्य भोजन दिया गया, जबकि दूसरे समूह को हाई-फैट वाले खाद्य पदार्थ दिए गए। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस समूह के चूहों को हाई-फैट वाले खाद्य पदार्थ दिए गए थे उनमें दूसरे समूह के चूहों के मुकाबले कई ज्यादा मोटे हो गए थे।

अभी परीक्षण की है जरूरत

शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि मनुष्यों में भी 'आइआरएचओएम2' के स्तर को नियंत्रित किया जाए तो मोटापे का जोखिम कम किया जा सकता है। हालांकि ऐसा करने से पहले कई दौर के परीक्षण करने होंगे।


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