ईरानी हमले से अमेरिका में घंटों रही खलबली, व्हाइट हाउस से ट्रंप ने कुछ इस तरह रखी स्थिति पर नजर
इस हमले के बाद पूरे दिन इस तरह की अफवाहें रहीं कि युद्ध छिड़ सकता है। इधर व्हाइट हाउस में ट्रंप अपने सहयोगियों के साथ हालात पर नजर रख रहे थे।
वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स। इराक में बुधवार को अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमले में भले ही कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे अमेरिका में घंटों खलबली मची रही। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने तीन घंटे पहले ही हमले की चेतावनी दे दी थी। सैन्य ठिकानों से हमले की जैसे-जैसे खबरें आ रही थीं, उससे व्हाइट हाउस में बैठकर स्थिति पर नजर रख रहे अधिकारियों की चिंता बढ़ती जा रही थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद भी वहां मौजूद थे। हमले में किसी के हताहत नहीं होने पर ट्रंप ने राहत की सांस ली और यह संकेत दिया कि वह और टकराव नहीं चाहेंगे।
ईरान के मिसाइल हमले का पहला अलर्ट जब राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस पहुंचा तब अमेरिका में दोपहर के दो बजे थे और ईरान में बुधवार की सुबह हो रही थी। अलर्ट में खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि अमेरिकी सैनिकों पर ईरान मिसाइल और रॉकेट से हमला करने जा रहा है। एक अलर्ट में यह बात भी कही गई थी कि ईरान समर्थित मिलिशिया के सैकड़ों लड़ाके पश्चिमी इराक में स्थित अल-असद एयर बेस पर धावा बोल सकते हैं।
व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप रख रहे थे नजर
अलर्ट मिलते ही उपराष्ट्रपति माइक पेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) रॉबर्ट ओब्रायन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग में बने सिचुएशन रूम में जमा हो गए। कुछ देर बाद ट्रंप भी पहुंच गए। अलर्ट के करीब तीन घंटे बाद इराक में अमेरिका के अल-असद एयर बेस समेत दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी गई थीं। अल-असद बेस में करीब एक हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इस हमले के बाद पूरे दिन इस तरह की अफवाहें रहीं कि युद्ध छिड़ सकता है। इधर, व्हाइट हाउस में ट्रंप अपने सहयोगियों के साथ हालात पर नजर रख रहे थे। इस बात पर विचार किया जा रहा था कि अगर अमेरिकी सैनिकों की मौत होती है तो जवाबी कार्रवाई का विकल्प खुला रहेगा।
इस कारण कोई हताहत नहीं
ईरान के हमले की प्रारंभिक चेतावनी मिलते ही सैन्य ठिकानों पर सैनिकों के बचाव की भाग-दौड़ शुरू हो गई थी। इसी कारण से कोई हताहत नहीं हुआ। हमले में सिर्फ खाली पड़े एयरक्राफ्ट हैंगर ही तबाह हुए। इन हमलों में किसी अमेरिकी या इराकी की मौत नहीं हुई। इसी कारण से ट्रंप ने अपने सलाहकारों को यह संकेत दिया कि वह आगे टकराव से बचेंगे।
खुफिया उपग्रहों से रखी जा रही नजर
ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही अमेरिकी एजेंसियां अपने खुफिया उपग्रहों से ईरान के मिसाइल लांचर की गतिविधियों पर नजर रख रह रही हैं। जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी हमले का संकेत पाने के लिए ईरानी सैन्य अधिकारियों के संचार की जासूसी कर रही है।