Scientists Inventing World Strongest Silver 2019: विश्व रिकार्ड बना चुकी सामग्रियों से 42% ज्यादा मजबूत है ये चांदी
Scientists Inventing World Strongest Silver 2019 वैज्ञानिकों ने इसके दोषों को दूर कर फायदों में बदल दिया और तांबा मिलाने के बाद भी इसकी विद्युत चालकता बनी रही।
वाशिंगटन, प्रेट्र। Scientists Inventing World Strongest Silver 2019 अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने दुनिया की सबसे मजबूत चांदी (सिल्वर) बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह चांदी मजबूती के मामले में विश्व रिकॉर्ड बना चुकी सामग्रियों से 42 फीसद गुना ज्यादा मजबूत है। नेचर मैटेरियल्स नामक जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों की यह सफलता औद्योगिक और व्यापारिक क्षेत्रों में परंपरागत रूप से प्रयोग में लगाई जाने वाली सामग्रियों का प्रयोग बंद करा सकती है। दूसरे शब्दों में कहें तो नई चांदी में ऐसी क्षमता है कि यह अब तक प्रयोग में लगाई जाने वाली चांदी की जगह आसानी से ले सकती है।
इसकी खास बात यह है कि इसमें विद्युत धारा प्रवाह भी सुचारु रूप से होता रहता है। अमेरिका की वरमोंट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फेमेरिक सोंसोज ने कहा, ‘हमने नैनोस्केल पर काम करते हुए एक ऐसे तंत्र की खोज की है, जिसकी मदद से हम ऐसी धातुओं को बना सकते हैं, जो अब तक बनाई गई किसी भी चीज की तुलना में अधिक मजबूत हो सकती है।
मिश्रित धातुओं से दी जाती है चीजों को मजबूती
फेमेरिक सोंसोज ने कहा कि हर धातु में कुछ न कुछ दोष होता है और अक्सर यही दोष इनके अवांछनीय गुणों को भी बताते हैं। वैज्ञानिक किसी भी सामग्री को तैयार करने के लिए उसमें विभिन्न प्रकार की धातुओं को मिलाते हैं ताकि उसकी मजबूती को बरकरार रखा जा सके। लेकिन इस प्रक्रिया में एक समस्या यह है कि बनाई गई सामग्री तो मजबूत हो जाती है पर उसमें विद्युत का प्रवाह नहीं हो पाता है।
हॉल-पैच के आधार पर तैयार होती हैं मिश्रित धातुएं
इस खोज के लिए वैज्ञानिकों ने मैटेरियल इंजीनियरिंग के मूलभूत सिद्धांत का प्रयोग किया, जिसके तहत किसी मैटेरियल के क्रिस्टलों को छोटा करने पर वे मजबूत हो जाते हैं। वैज्ञानिक इस संबंध को हॉल-पैच कहते हैं। बीते 70 सालों से इसी सिद्धांत के आधार पर वैज्ञानिक और इंजीनियर मजबूत मिश्रित धातुएं व चीनी मिट्टी तैयार करते आ रहे हैं।
चांदी में तांबा मिलाकर दी मजबूती
अमेरिका में लॉरेंस लिवरमोर स्थित नेशनल लेबोरेट्री के प्रमुख वैज्ञानिक और इस अध्ययन के सह-लेखक मॉरिस वांग ने कहा, ‘ऐसी साम्रग्री को बनाना बहुत चुनौतीपूर्ण काम था, जो मजबूत और नरम होने के साथ-साथ विद्युत धारा के प्रवाह को भी झेल सके।’ उन्होंने कहा कि चांदी में तांबे को अल्प मात्रा (थोड़ा-सा) में मिलाकर शोधकर्ताओं ने पाया कि इसके अंदर मौजूद दो प्रकार के दोष इसकी आंतरिक संरचना बेहद मजबूत कर देते हैं। इसकी वजह यह है कि तांबे की अशुद्धियां इसके दोषों की ओर सीधा आकर्षित होती हैं। सरल शब्दों में कहें तो शोधकर्ताओं ने तांबे की अशुद्धियों का प्रयोग चांदी के दोषों को दूर करने के लिए किया। इससे चांदी के दोष तो दूर हुए ही, साथ ही उसकी संरचना को भी मजबूती मिल जाती है। कुल मिलाकर वैज्ञानिकों ने इसके दोषों को दूर कर फायदों में बदल दिया और तांबा मिलाने के बाद भी इसकी विद्युत चालकता बनी रही।