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कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ाई धनराशि

आइएमएफ के प्रबंधन निदेशक क्रिस्टलिना जार्जीवा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और अभूतपूर्व संकट के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक टीका के समान है। इससे कोरोना महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित राष्ट्रों को मदद मिलेगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 01:10 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 01:10 AM (IST)
कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ाई धनराशि
आइएएफ ने कहा कि उसके इतिहास में यह अब तक सबसे बड़ी वृद्धि

वाशिंगटन, एपी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के संचालन मंडल ने एंजेसी के संसाधानों में 650 अरब डालर (लगभग 48.10 लाख करोड़) के विस्तार को मंजूरी दी है। इस धनराशि से कोरोना महामारी से जूझ रहे और बुरी तरह प्रभावित देशों की मदद की जाएगी।

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190 सदस्यीय संस्थान ने कहा कि उसके रिजर्व को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है, जिसे स्पेशल ड्राइंग राइट के नाम से जाना जाता है। आइएएफ ने कहा कि उसके इतिहास में यह अब तक सबसे बड़ी वृद्धि है।

आइएमएफ के प्रबंधन निदेशक क्रिस्टलिना जार्जीवा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और अभूतपूर्व संकट के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक टीका के समान है। इससे कोरोना महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित राष्ट्रों को मदद मिलेगी।

टीकाकरण और वैक्‍सीन प्रोडेक्‍शन के लिए आईएमएफ ने की थी भारत की तारीफ

बता दें कि पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की उस घोषणा का स्‍वागत किया था, जिसमें वैक्‍सीन और कोविड-19 से लड़ाई में जरूरी चीजों का उत्‍पादन बढ़ाने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने एक संदेश में ये साफ कर दिया था कि राज्‍यों को मुफ्त में कोरोना वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने की जिम्‍मेदारी केंद्र सरकार की है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि 18-21 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों के लिए कुछ समय के अंदर वैक्‍सीन मुहैया करवा दी जाएगी। आईएमएफ के प्रवक्‍ता गैरी राइस ने पत्रकारों से बात करते हुए ने भारत की उस घोषणा को भी सराहा है जिसमें केंद्र ने वैक्‍सीनेशन के लिए अतिरिक्‍त मदद करेगा।


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