वीजा नियमों पर बोले कृष्णमूर्ति- भारतीयों को लगता है, अमेरिका अप्रवासी अनुकूल नहीं रहा
कृष्णमूर्ति ने हाल ही में अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के हिस्सा के तौर पर भारत यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर भारत में अमेरिका की छवि काफी हद तक सकारात्मक रही है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। भारतीयों को अब लगता है कि अमेरिका अप्रवासी अनुकूल देश नहीं रहा। अमेरिका के शीर्ष भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने ट्रंप प्रशासन की विवादास्पद अप्रवासन नीतियों के मद्देनजर यह बात कही। इस बीच शीर्ष डेमोक्रेट सांसदों ने एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी का वर्क परमिट खत्म करने की योजना का विरोध किया।
इलिनोइस के सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, 'अमेरिका को लेकर भारत में अब यह आम धारणा है कि आप पर्यटक और व्यापारी के तौर पर या एच-1बी वीजा पर अमेरिका जा रहे हैं, तो यह एक भिन्न स्थान है। उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर हमें यह बुनियादी सिद्धांत सुनिश्चित करना चाहिए कि अमेरिका एक विशेष स्थान है, जहां हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
कृष्णमूर्ति ने हाल ही में अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के हिस्सा के तौर पर भारत यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर भारत में अमेरिका की छवि काफी हद तक सकारात्मक रही है। लेकिन जब एक युवा भारतीय कारोबार शुरू करने, ग्रेजुएट की पढ़ाई करने और भविष्य खुशहाल बनाने के लिए अमेरिका को एकमात्र स्थान के रूप नहीं देखे, तो इस पर हमें चिंता करनी चाहिए।
इस बीच भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल ने एच-4 वीजा के तहत एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी का वर्क परमिट खत्म करने की योजना का विरोध किया। उन्होंने इसे लैंगिक भेदभाव का मसला भी बताया और कहा कि बड़ी संख्या में इसका लाभ महिलाओं को मिलता है। इससे एच-4 वीजाधारक योग्य महिलाएं काम करने से वंचित हो जाएंगी। जयपाल बुधवार को यूएस इंडिया फ्रेंडशिप काउंसिल के कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान अन्य डेमोक्रेट सांसदों जे. क्राउली, एमी बेरा और राजा कृष्णमूर्ति ने भी एच-1बी और एच-4 वीजा के मामले में उनका समर्थन किया।