इस भारतीय शांतिदूत ने दिया सर्वोच्च बलिदान, मरणोपरांत UN ने किया सम्मानित
अब तक लगभग 168 भारतीय सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र के तहत कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
यूएन, पीटीआइ। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए कार्य करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय शांतिदूत को मरणोपरांत सम्मानीत किया गया है। उनको समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए ये सम्मान दिया गया है। सार्जेंट रमेश सिंह को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बलों (UNIFIL) के साथ तैनात किया गया था।
मिशन ने इस महीने की शुरुआत में ट्वीट कर बताया था कि यूएन भारत के सार्जेंट रमेश सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने हाल ही में लेबनान में शांति के लिए अपनी जान गंवाई थी। सार्जेंट रमेश सिंह को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम फोर्स के कमांडर स्टेफानो डेल कर्नल और लेबनानी सेना ने उनके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए पदक से सम्मानित किया है।
14 जुलाई 2019 तक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम फोर्स में कुल टुकड़ियां शामिल हैं, जिसमें सैन्य-सहयोगी देशों के कुल 10 हजार 556 शांतिदूत शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारत चौथा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
वर्तमान में 6 हजार 400 से अधिक सैन्य और पुलिस कर्मी संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के तहत अबेई, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, हैती, लेबनान, मध्य पूर्व, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में योगदान दे रहे हैं। अब तक लगभग 168 भारतीय सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र के तहत कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।