अमेरिका में भारतीय प्रकाशक पर पांच करोड़ डॉलर का जुर्माना
आंध्र प्रदेश के रहने वाले गेडेला पर अपने अकादमिक जर्नल व साइंटिफिक कांफ्रेंसेज को लेकर भ्रामक दावा करने और शोधकर्ताओं से लाखों डॉलर वसूलने का आरोप था।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिका में भारतीय जर्नल प्रकाशित करने वाले प्रकाशक श्रीनुबाबू गेडेला व उनकी कंपनियों पर पांच करोड़ डॉलर (करीब 346 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। आंध्र प्रदेश के रहने वाले गेडेला पर अपने अकादमिक जर्नल व साइंटिफिक कांफ्रेंसेज को लेकर भ्रामक दावा करने और शोधकर्ताओं से लाखों डॉलर वसूलने का आरोप था।
इस मामले में गेडेला और उनकी ओमिक्स ग्रुप इंक, आइमेडपब एलएलसी व अन्य कंपनियों के खिलाफ फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने शिकायत की थी। एफटीसी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए नेवादा के डिस्टि्रक कोर्ट ने 29 मार्च को अपना फैसला सुनाया।
फैसले पर एफटीसी के ब्यूरो निदेशक एंड्रयू स्मिथ ने कहा, 'हम खुश है कि कोर्ट ने इन कंपनियों के खिलाफ सख्त निर्णय लिया है।' जबकि गेडेला के वकील ने कहा कि कोर्ट ने बिना ट्रायल के ही फैसला सुना दिया है, इसलिए वह इसके खिलाफ अपील करेंगे। एफटीसी का आरोप था कि गेडेला ने शोधकर्ताओं को प्रकाशन शुल्क की सही जानकारी नहीं दी थी।
उसने जर्नल की समीक्षा और संपादकीय सदस्यों की भी झूठी जानकारी दी थी। गेडेला ने इसका भी झूठा दावा किया था कि उनका जर्नल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआइएच) के 'पबमेड सेंट्रल' जैसी इंडेक्सिंग सर्विस में स्वीकृत है। इसके विपरीत एनआइएच ने उनके जर्नल का इंडेक्स (अनुक्रमण) बनाने से इन्कार कर दिया है।