भारतीय IT प्रोफेशनल ने ग्रीन कार्ड प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर अमेरिका में निकाली रैली
भारतीय मूल के कई अमेरिकी आईटी पेशेवरों ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर रैली का आयोजन किया। वे अमेरिकी प्रशासन से ग्रीन कार्ड प्रणाली में सुधार को लेकर मांग कर रहे हैं।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। भारतीय मूल के कई अमेरिकी आईटी पेशेवरों ने अमेरिका में रैलियों का आयोजन किया है। वे प्रति देश सीमा कोटा को खत्म कर लंबे और बड़े पैमाने पर ग्रीन कार्ड बैकलॉग का अंत करने की मांग कर रहे हैं। ये रैली अमेरिका के दो बड़े शहरों न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया में आयोजित की गई थीं। रैली में शामिल प्रतिभागियों ने तर्क दिया कि विरोध का मुख्य कारण हर साल ग्रीन कार्ड्स जारी करने पर प्रति देश कोटा बैकलॉग था।
उन्होंने पोस्टरों के साथ अपना विरोध प्रदर्शन किया जिन पर लिखा था, 'रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश सीमा कोटा को खत्म करें', '90 सालों से 3 लाख लोग इंतजार कर रहे हैं', 'हमने क्या गलत किया'। रैली के आयोजकों ने एक बयान में कहा, 'अब समय आ गया है कि कांग्रेस, सीनेट और व्हाइट हाउस प्रशासन इस मुद्दे पर काम करें, और उच्च कुशल आप्रवासियों की इस समस्या को हल करें।'
आपको बता दें कि ग्रीन कार्ड धारक नागरिक को संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति मिल जाती है। भारतीय-अमेरिकी, जिनमें से अधिकतर अत्यधिक कुशल हैं वे मुख्य रूप से एच -1 बी कार्य वीजा पर अमेरिका आते हैं, वर्तमान में इन जैसे नागरिकों के लिए अमेरिका की अप्रवास प्रणाली बेहद खराब है। इस प्रणाली के अनुसार नतीजतन, ग्रीन कार्ड के लिए इन भारतीय कुशल आप्रवासियों को 70 साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
पेंसिल्वेनिया रैली में, तीन बच्चे, लीला पिन्नमारजू, शिव प्रगाल्लपति और वेंकट दत्ता ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा कि वे 21 साल की उम्र तक कैसे इस स्थिति से बाहर हो पाएंगे। उन्होंने सांसदों से अनुरोध किया कि वे सभी बच्चों को वर्तमान में समान रूप से ट्रीट करें। जो बच्चे अपने माता-पिता के साथ कानूनी रूप से अमेरिका आए थे, और जो अमेरिकी कंपनियों में काम करते हैं, उनके लिए भी नागरिकता पाने का रास्ता सहज होना चाहिए।