अलकायदा को धन देने वाले भारतीय इंजीनियर को 27 साल की सजा
39 वर्षीय याह्या फारूक मुहम्मद ने जुलाई में आरोप को स्वीकार लिया था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के कोर्ट ने एक भारतीय इंजीनियर को 27 साल जेल की सजा सुनाई है। उस पर अलकायदा के आतंकी अनवर अल-अवलाकी को धन देने और उसके मुकदमे की सुनवाई करने वाले जज की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
39 वर्षीय याह्या फारूक मुहम्मद ने जुलाई में आरोप को स्वीकार लिया था। सरकारी वकील ने बताया कि आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद उसने जेल से अमेरिकी जिला जज जैक जौहरी की हत्या की साजिश रची थी। मुहम्मद के वकील ने जेल में कैदी के साथ जज की हत्या की साजिश को पूरी तरह मनगढ़ंत और अविश्वसनीय बताया।
मुहम्मद को 2015 में उसके भाई इब्राहिम जुबेर मुहम्मद और दो भाइयों आसिफ अहमद सलीम एवं सुल्तान रूम सलीम के साथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार अन्य तीन ने खुद को मामले में निर्दोष बताया था। 2009 में मुहम्मद दो अन्य लोगों के साथ अवलाकी से मिलने यमन गया था जो 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था।
वह अवलाकी से मिल नहीं सका और उसने उसके सहयोगी को 22,000 डॉलर (करीब 14.3 लाख रुपये) दिए थे। मुहम्मद ने 2002 से 2004 तक ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वह और उसका भाई भारतीय नागरिक हैं और दोनों ने अमेरिकी नागरिक से शादी की है।
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