भारतीय कर्मचारी ने नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए फेसबुक छोड़ा
कंपनी के साफ्टवेयर इंजीनियर अशोक चंदवेनी ने इस सप्ताह लिखे एक फेसबुक पोस्ट में म्यांमार में रोहिंग्याओं के नरसंहार का मुद्दा उठाया है।
सिएटल, आइएएनएस। भारतीय मूल के एक साफ्टवेयर इंजीनियर ने सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि अब यह प्लेटफॉर्म नफरत फैलाने का अड्डा बन गया है। कंपनी के साफ्टवेयर इंजीनियर अशोक चंदवेनी ने इस सप्ताह लिखे एक फेसबुक पोस्ट में म्यांमार में रोहिंग्याओं के नरसंहार का मुद्दा उठाया है। उन्होंने अमेरिका के विस्कॉन्सिन प्रांत के केनोशा शहर में जैकब ब्लैक पर हुए पुलिस हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ट्रंप समर्थकों के हमले की भी आलोचना की है।
बता दें कि पिछले महीने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यह दावा किया था कि म्यांमार में वर्ष 2017 में हुई हिंसा के पीछे फेसबुक का हाथ था, जिसके चलते लाखों रोहिंग्या को वहां से भागकर बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी थी। मानवाधिकार समूह का कहना है कि फेसबुक रोहिंग्या शरणार्थियों को न्याय दिलाने में मदद करे। अशोक ने अपनी पोस्ट में कहा कि ऐसा लगता है कि कंपनी भड़काऊ बयानों को हटाने के लिए अपने व्यवसायिक मूल्यों का उपयोग नहीं कर रही है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक पर लगाए थे गंभीर आरोप
कुछ दिन पहले केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक मुखिया मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर सीधा सीधा आरोप लगाया था कि एक तरफ जहां चुनाव मे हारे हुए लोग सोशल मीडिया के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर संदेह खड़ा कर रहे हैं, वहीं फेसबुक के भारत प्रबंधन में प्रबंधक निदेशक से लेकर दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों तक ऐसे लोगों की भरमार है जो एक खास राजनीतिक सोच से प्रभावित हैं। यह सोच इतनी गहरी है कि फेसबुक के अधिकारी खुले तौर पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की आलोचना कर रहे हैं और अभी भी पद पर कायम हैं। रविशंकर ने आगाह किया कि हर देश के सामुदायिक दिशा निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि वाल स्ट्रीट जर्नल के एक आलेख में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक भाजपा नेताओं के प्रति नरम है। उनके हेट स्पीच को लेकर भी नरमी बरती जा रही है। कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की थी और आइटी की संसदीय समिति की अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को फेसबुक प्रतिनिधि को तलब किया है। पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से भी फेसबुक को पत्र लिखा गया था।