भारतीय मूल की महिला बनी डेमोक्रेटिक पार्टी की CEO, ट्रंप पर साधा निशाना
भारतीय मूल की सीमा नंदा को अमेरिका में डेमोक्रेटिक नेशनल कमिटी का सीईओ चुना गया है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सीमा नंदा को अमेरिका सत्ता की विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) का सीईओ बनाया गया है। पिछले सप्ताह ही इस पद पर नियुक्त होने के साथ ही उन्होंने अमेरिका की सेवा की कसम खाई और कहा कि अमेरिका के कोने-कोने में डेमोक्रेट्स को जिताने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की सीईओ चुने जाने के बाद नंदा ने कहा कि उनकी पार्टी अमेरिका में लोकतंत्र के लिए संघर्ष कर रही है।
अपने भाषण में नंदा ने कहा कि, डेमोक्रेट्स नेता देश की भलाई की लिए आज सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए नंदा ने कहा कि, जब से ट्रंप ने कार्यभार संभाला है ये स्पष्ट हो गया है कि सबसे पहला काम देश को अपने पुराने ट्रैक पर वापस लाना है, क्योंकि आज देश में लोकतंत्र खतरे में है। देश के कोने-कोने में डेमोक्रेट्स को जिताना है। यहीं कारण है कि मैंने ये पद स्वीकार किया। शपथ लेने के बाद नंदा ने डेमोक्रेट्स समर्थकों को दिए अपने पहले संदेश में ये बातें कहीं।
नंदा ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी को समर्थन करना वैसे ही है जैसे अपनी भावी पीढ़ी के लिए किसी इमारत का निर्माण करना, ताकि आने वाली पीढ़ी उस पर गर्व कर सके। मेरा वादा है कि हम एक ब्राइट और फेयर अमेरिका का निर्माण करेंगे जहां सभी के लिए समान और सम्मानजनक अवसर हों।
हमारी पार्टी एक मजबूत पार्टी है क्योंकि यह सकारात्मक भावों से भरी है। मैं डीएनसी का नेतृत्व करने वाली पहली एशियन अमेरिकन होने पर खुद पर गौरवान्वित महसूस करती हूं। आज पार्टी के कार्यकर्ता अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। साथ ही हर स्तर पर डेमोक्रेट्स को जीत दिलाने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। क्योंकि देश को अपने पुराने ट्रैक पर वापस लाने के लिए हमें डेमोक्रेट्स की जरूरत है।
नंदा ने कहा कि डेमोक्रेट्स राज्य की पार्टियों में अपना समय दे रहे हैं, 50 सीटों पर अपनी जीत हासिल करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं साथ ही नवंबर में शुरू होने जा रहे अभियान ‘आईविलवोट’ के तहत 50 मिलियन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। अपने डेमोक्रेट्स को जिताने के लिए हमने अपने लक्ष्य और तरीकों को पहले से काफी अलग रखा है।