Move to Jagran APP

भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने कहा, संजीव भट्ट को जमानत दे सुप्रीम कोर्ट

शशि थरूर ने कहा कि जिन भारतीयों की अंतरात्मा संजीव भट्ट की तरह जीवित है उन्हें खड़े होना चाहिए और इस प्रकार की चुनौतियों के खिलाफ लड़ना चाहिए जो हमारे गणतंत्र के आधार को कमजोर करने का खतरा पैदा कर रही हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 03:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 03:39 PM (IST)
भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने कहा, संजीव भट्ट को जमानत दे सुप्रीम कोर्ट
शशि थरूर ने कहा कि ताकतवर से सच बोलने की क्षमता के चलते दी जा रही सजा।

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत और अमेरिका के कई नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने भारत के उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अपील की कि वह पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट की जमानत मंजूर करे। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आइएएमसी) और 'हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स' द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में संगठनों और कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि हत्या के एक मामले में भट्ट की दोषसिद्धि ना केवल गलत है बल्कि यह झूठे सबूतों पर आधारित है। सुप्रीम कोर्ट 22 जनवरी को भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।

loksabha election banner

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने कहा कि वह भट्ट के साथ हुए अन्याय से क्षुब्ध हैं। थरूर ने कहा कि समाज के लिए कर्तव्यनिष्ठ होकर सेवा करने और 'ताकतवर' से सच बोलने की क्षमता के कारण जेल भेज दिया गया। थरूर ने कहा, 'संजीव का मामला उस खराब दौर को दर्शाता है, जिसमें हम रह रहे हैं। यह वह दौर जहां सभी भारतीयों को संविधान द्वारा प्रदत्त संवैधानिक मूल्य एवं मौलिक अधिकार कई मामलों में कमजोर होते और कई बार ऐसी ताकतों द्वारा छीने जाते भी प्रतीत होते हैं जो उदार नहीं हैं।

उन्होंने कहा, 'जिन भारतीयों की अंतरात्मा संजीव भट्ट की तरह जीवित है, उन्हें खड़े होना चाहिए और इस प्रकार की चुनौतियों के खिलाफ लड़ना चाहिए, जो हमारे गणतंत्र के आधार को कमजोर करने का खतरा पैदा कर रही हैं।' प्रख्यात वृत्तचित्र फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन ने कहा कि भट्ट को इसलिए जेल भेज दिया गया, 'क्योंकि उन्होंने 2002 में हुए नरसंहार का विरोध किया और इसके खिलाफ आवाज उठाई।'

शास्त्रीय नृत्यांगना साराभाई ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल भट्ट के मामले में उनके खिलाफ निश्चित एजेंडा चलाया जा रहा, बल्कि मोदी सरकार के अधिकतर आलोचकों के साथ ऐसा हो रहा। आइएएमसी के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद ने कहा,'भारत सरकार को संजीव भट्ट के मामले का राजनीतिकरण करना बंद कर देना चाहिए और स्वयं राजनीतिक बन चुके न्यायाधीशों के बजाए स्वतंत्र न्यायाधीशों की निगरानी में कानून को अपना काम करने देना चाहिए।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.