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भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन की मांग, अफगानिस्तान में प्रताड़ित सिखों और हिंदुओं को मिले शरणार्थी का दर्जा

एशियाई देश अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों द्वारा लगातार उत्पीड़न का सामना कर रहे सिख और हिंदू परिवारों को शरणार्थी का दर्जा देने की मांग की गई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 08:58 AM (IST)
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन की मांग, अफगानिस्तान में प्रताड़ित सिखों और हिंदुओं को मिले शरणार्थी का दर्जा
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन की मांग, अफगानिस्तान में प्रताड़ित सिखों और हिंदुओं को मिले शरणार्थी का दर्जा

वाशिंगटन, पीटीआई। अफगानिस्तान में सिख और हिंदू परिवारों को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसमैन रो खन्ना ने ट्रंप प्रशासन से अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख और हिंदू परिवारों को शरणार्थी का दर्जा देने का आग्रह किया है।

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खन्ना ने युद्धग्रस्त राष्ट्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ और होमलैंड सिक्योरिटी के कार्यवाहक सचिव चाड एफ वुल्फ को एक पत्र में कहा कि अफगानिस्तान में लगभग 200 हिंदू और सिख परिवार ही बचे हैं।

उन्होंने लिखा, 'अमेरिका ने इस वित्तीय वर्ष में 18,000 शरणार्थियों को शरण देने का प्रस्ताव किया है, जिसमें 5,000 ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्हें उनके धर्म या अन्य संरक्षित आधारों के लिए सताया जा रहा है। इसके अलावा, अमेरिकी दूतावास यूएस रिफ्यूजी एडमिशन प्रोग्राम (USRAP) के तहत 7500 व्यक्तियों को किसी भी स्थान पर भेज सकता है।

खन्ना ने कहा कि अफगानिस्तान में सिखों और हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर धार्मिक हिंसा उनके लिए एक संभावित खतरा बन गई है। इसलिए मैं काबुल में अमेरिकी दूतावास से आग्रह करता हूं कि वे अफगानिस्तान में सिखों और हिंदुओं को यूएसआरएपी के तहत आपातकालीन शरणार्थी संरक्षण और होमलैंड सुरक्षा विभाग से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।

खन्ना ने कहा कि अफगानिस्तान में साल 2018 और 2020 के हमलों को आंजाम देने वाले आतंकी संगठनों और पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के बीच संबंधों की खबरें परेशान करने वाली खबरें हैं। 

साल 2018 में एक आतंकवादी समूह ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करने जा रहे हिंदुओं और सिखों के एक काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 19 लोग मारे गए थे और 20 अन्य घायल हुए थे। वहीं, पिछले महीने ही आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकवादी संगठन ने काबुल में 25 सिखों की हत्या कर दी थी, जिसमें तान्या कौर नाम की चार वर्षीय लड़की भी शामिल थी।


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