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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा- अफगानिस्तान तभी सफल होगा जब आतंकवाद डूरंड रेखा के पार न जाए

डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2640 किमी लंबी सीमा रेखा है। आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाए और ऐसी ताकतों के खिलाफ सुरक्षा परिषद स्पष्ट रूप से बोले। शांति प्रक्रिया और हिंसा एक साथ जारी नहीं रह सकते।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 01:19 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 01:19 AM (IST)
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा- अफगानिस्तान तभी सफल होगा जब आतंकवाद डूरंड रेखा के पार न जाए
शांति प्रक्रिया और हिंसा एक साथ जारी नहीं रह सकते।

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र को बताया कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब आतंकवाद डूरंड रेखा के पार न जाए। भारत ने जोर देकर कहा कि आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाए और ऐसी ताकतों के खिलाफ सुरक्षा परिषद स्पष्ट रूप से बोले। डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किमी लंबी सीमा रेखा है।

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तिरुमूर्ति ने कहा- शांति प्रक्रिया और हिंसा एक साथ जारी नहीं रह सकते

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अंबेसडर टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'हमारा मानना है कि शांति प्रक्रिया और हिंसा एक साथ जारी नहीं रह सकते और हम तत्काल व्यापक संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं। अफगानिस्तान में टिकाऊ शांति के लिए हमें आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों और डूरंड रेखा के पार संचालित हो रहे आतंकी शिविरों को खत्म करना होगा।'

तिरुमूर्ति ने कहा- आतंकियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को तोड़ना होगा

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा का खात्मा करने के लिए आतंकियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को तोड़ना होगा।


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