भारत ने पाक पर साधा निशाना, कहा- अफगानिस्तान पर पड़ोस से किए जाते हैं हमले
जिस पनाहगाह ने मुल्ला उमर को शरण दी, उसी ने ओसामा बिन लादेन को शरण दी।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद की समस्या स्थानीय नहीं है। उस पर हमले उसके पड़ोस से किए जाते हैं, जिसने तालिबान को शरण दे रखी है और जो लश्कर तथा जैश जैसे आतंकी संगठनों के 'काले एजेंडे' का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था।
-आतंकवाद के समर्थकों पर अंकुश नहीं लगाया गया है
अफगानिस्तान की स्थिति पर सुरक्षा परिषद में एक चर्चा के दौरान अकबरुद्दीन ने कहा कि ऐसे हमले सुनियोजित होते हैं और अफगानिस्तान के पड़ोस में मौजूद पनाहगाहों से किए जाते हैं। अफगान सरकार की सराहनीय शांति पेशकश के बावजूद हाल में तालिबान के हमलों में कई लोगों की जान चली गई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर हमला करने वाले आतंकवादियों का समर्थन करने वालों पर अंकुश नहीं लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के बावजूद अब भी ऐसे देश हैं, जो तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आइएस, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के काले एजेंडे का समर्थन करने के लिए पनाहगाह उपलब्ध करा रहे हैं। जिस पनाहगाह ने मुल्ला उमर को शरण दी, उसी ने ओसामा बिन लादेन को शरण दी। ऐसा न हो कि हम भूल जाएं कि अफगानिस्तान में आतंकवाद की समस्या स्थानीय नहीं है।
उन्होंने अफीम के कारोबार में तालिबान की संलिप्तता पर चिंता जताते हुए कहा कि यह महज राजनीतिक या आतंकवादी समस्या नहीं है, बल्कि संगठित अपराध भी है। सुरक्षा परिषद को चरमपंथ, आतंकवाद, मादक पदार्थ की खेती और अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के गैर-कानूनी दोहन के बीच संपर्को से निपटने की जरूरत है।