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टू प्लस टू मंत्री स्तर की वार्ता से पहले अमेरिका ने कहा, मुकाबले के नए युग में भारत का बड़ा महत्व

अमेरिका का रणनीतिक हित भारत के साथ जुड़ा हुआ है। अमेरिका के लिए भारत का महत्व बहुत ज्यादा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 10:55 PM (IST)
टू प्लस टू मंत्री स्तर की वार्ता से पहले अमेरिका ने कहा, मुकाबले के नए युग में भारत का बड़ा महत्व
टू प्लस टू मंत्री स्तर की वार्ता से पहले अमेरिका ने कहा, मुकाबले के नए युग में भारत का बड़ा महत्व

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका का रणनीतिक हित भारत के साथ जुड़ा हुआ है। अमेरिका के लिए भारत का महत्व बहुत ज्यादा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आने वाले वर्षो में अमेरिका के लिए रूस के साथ चीन दूसरी बड़ी चुनौती बनने वाला है। यह बात अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कही है। 18 दिसंबर को अमेरिका भारत के साथ टू प्लस टू मंत्री स्तर की वार्ता की मेजबानी करेगा। दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों की यह वार्षिक बैठक दूसरी बार होगी। इससे दोनों देशों का सहयोग और मजबूत होने की संभावना है।

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थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के कार्यक्रम में एस्पर ने कहा, पेंटागन में उनकी भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। इसके बाद वह और राजनाथ सिंह विदेश मंत्रालय के मुख्यालय फॉगी बॉटम जाएंगे, वहां पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ टू प्लस टू वार्ता होगी।

एस्पर ने कहा कि हम हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में बेरोक-टोक आवागमन के पक्षधर हैं। इसके लिए हम मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय नियमों से जुड़ी व्यवस्था को लागू करने के लिए अमेरिका सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इसके लिए कई नए और महत्वपूर्ण रास्ते भी बनाए जा रहे हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि हम शक्तिशाली मुकाबले के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। इसमें चीन हमारे लिए पहली और रूस दूसरे नंबर की चुनौती है। दोनों देश अपनी सेनाओं को लगातार आधुनिक बना रहे हैं, स्पेस और साइबर क्षेत्र में अपनी क्षमताएं बढ़ा रहे हैं। इसके लिए दोनों ही देश न केवल छोटे देशों की संप्रभुता खत्म कर रहे हैं बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों-कानूनों का भी उल्लंघन कर रहे हैं। बेल्ट एंड रोड अभियान के जरिये चीन एशिया, यूरोप और अफ्रीका में अपनी पहुंच मजबूत कर रहा है। इसके जरिये वह अपनी सेनाओं की वहां तक पहुंच बना रहा है। दक्षिण चीन सागर पर कब्जे को लेकर चीन छोटे पड़ोसी देशों को धमका रहा है, उनकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। रूस का क्रीमिया पर कब्जा और यूक्रेन के साथ विवाद देशों की संप्रभुता के उल्लंघन का उदाहरण है। उसका उद्देश्य अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो को नीचा दिखाना है।

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इराक पर हमले के लिए ईरान को कड़ी चेतावनी

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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इराक पर ईरानी हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और ईरान को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। कहा है कि इराकी ठिकानों पर ईरान के रॉकेट हमलों पर हम गंभीर हैं। इनमें अमेरिकी नागरिकों, सहयोगियों या हितों पर चोट होगी तो ईरान को करारा जवाब दिया जाएगा। इसलिए ईरान अपने पड़ोसी देशों की संप्रभुता का सम्मान करे।

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