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आतंकियों की भर्ती के लिए WhatsApp का हो रहा इस्तेमाल, दुरुपयोग से भारत सरकार चिंतित

अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग से भारत चिंतित है। आतंकियों की भर्ती और उन्हें कट्टर बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग हो रहा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 08:36 PM (IST)
आतंकियों की भर्ती के लिए WhatsApp का हो रहा इस्तेमाल, दुरुपयोग से भारत सरकार चिंतित
आतंकियों की भर्ती के लिए WhatsApp का हो रहा इस्तेमाल, दुरुपयोग से भारत सरकार चिंतित

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर चिंतित है, खासतौर पर आतंकियों की भर्ती और उन्हें कट्टर बनाने में सोशल मीडिया और वाट्सएप जैसे मैसेंजिंग एप के इस्तेमाल से। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में यह कहा गया है।

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अमेरिकी विदेश विभाग ने वाट्सएप के जरिये जासूसी का मामला सामने के बाद वर्ष 2018 के लिए आतंकवाद पर संबंधित देशों की अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की। रिपोर्ट में भारत संबंधी अध्याय में कहा गया है, 'भारत सरकार के अधिकारी इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर लगातार चिंतित हैं। खासतौर पर सोशल मीडिया और वाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप के जरिये आतंकवादियों की भर्ती एवं कट्टर बनाने में और धमरें के बीच तनाव भड़काने के मामलों को लेकर।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के गृह सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आतंकवादियों की ऑनलाइन भर्ती एवं कट्टर बनाने की प्रक्रिया को रोकने के लिए वैश्रि्वक सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप ने गुरुवार को कहा था कि वैश्रि्वक स्तर पर इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर 'पेगासस' से जिनकी जासूसी की गई उनमें भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण भारत में ऑनलाइन माध्यम से आतंकवादियों को कट्टर बनाने की खबरें पूरे साल आती रही। ऐसी भी खबर है कि आतंकवादी संगठनों में भर्ती कुछ युवक अफगानिस्तान स्थित इस्लामिक स्टेट के लिए भेजे गए।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों, जनजातीय एवं माओवादी उग्रवादियों के हमले जारी रहेंगे। वर्ष 2018 में आतंकवाद से सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर प्रभावित रहा जबकि पूर्वोत्तर के राज्य और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में माओवादी सक्रिय रहे। भारत अपनी सीमा में आतंकवादी संगठनों की पहचान कर उनका खात्मा कर दबाव बनाए रखेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नेतृत्व ने अमेरिका और अन्य समान विचार वाले देशों के साथ मिलकर आतंकवादियों के हमलों को रोकने और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की इच्छा जताई है।


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