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कोरोना काल में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं को वित्तीय प्रणाली की मुख्यधारा से जुड़ी, यूएनजीए में बोला भारत

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र में भारत ने कहा कि कोरोना महामारी से जूझने के बाद भी वह पिछले दो वर्षों के दौरान आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए 20 करोड़ से अधिक भारतीय महिलाओं को मुख्य धारा की वित्तीय प्रणाली में लाया है।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 07:03 PM (IST)
कोरोना काल में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं को वित्तीय प्रणाली की मुख्यधारा से जुड़ी, यूएनजीए में बोला भारत
भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे । (फोटो- एएनआइ)

न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र में भारत ने कहा कि कोरोना महामारी से जूझने के बाद भी  वह पिछले दो वर्षों के दौरान आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए 20 करोड़ से अधिक भारतीय महिलाओं को मुख्य धारा की वित्तीय प्रणाली में लाया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी समिति में सतत विकास और वैश्वीकरण और परस्पर निर्भरता के लिए आइसीटी पर एक चर्चा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने गरीबों के लिए अद्वितीय सामाजिक सुरक्षा पहल की। इसकी पहुंच व्यापक रही।

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सचिव स्नेहा दुबे ने कहा, 'डिजिटल टेक्नालिजी और इंटरनेट से इस प्रयास को काफी मदद मिली। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति और 40 करोड़ लोगों को कैश ट्रांसफर के कार्यक्रम को डिजिटल रूप से सक्षम तकनीक द्वारा सुव्यवस्थित किया गया था। साथ ही 8 करोड़ घरों में खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन की डिलीवरी भी की गई थी। वित्तीय समावेशन में तेजी लाई गई है और डिजिटल लेनदेन में तेजी आई है। इससे 20 करोड़ से अधिक भारतीय महिलाओं को वित्तीय प्रणाली की मुख्यधारा में लाया गया है और इस तरह आर्थिक सशक्तिकरण की शुरुआत हुई है।'

स्नेहा दुबे ने जोर देकर कहा कि भारत का आरोग्य-सेतु एप से कोरोना महामारी के दौरान कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में प्रभावी रहा। हमारे स्वदेशी आइटी प्लेटफार्म, आरोग्य-सेतु ने प्रभावी रूप से कांट्रेक्ट ट्रेसिंग की सुविधा प्रदान की। भारत में कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन एप लाखों लोगों को टीके की सुविधा प्रदान कर रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं तक पहुंच में सुधार के लिए आइसीटी उपकरणों को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया गया है।

स्नेहा दुबे ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने एक मजबूत और पारदर्शी डिजिटल प्रणाली बनाई है, जो समावेशी और सशक्त है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस प्रकार एक मजबूत और पारदर्शी डिजिटल प्रणाली बनाई है, जो गरीबी से निपटने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और कोविड के समय में उत्पादकता में सुधार के लिए बहुत आवश्यक समाधान पेश करती है।


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