संयुक्त राष्ट्र में बोला भारत- सीरिया की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने से हासिल होगी स्थिरता
भारत ने कहा कि इस क्षेत्र की दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता ही केवल सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित करके प्राप्त की जा सकती है। हम यह भी जानते हैं कि सीरियाई संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।
न्यूयॉर्क, एएनआइ। भारत ने शुक्रवार को सीरिया में बाहरी तत्वों की भागीदारी पर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण वहां आतंकवाद में वृद्धि हुई है। भारत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि क्षेत्र की दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता से ही सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित किया जा सकता है। यूएनएससी की ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय (एमईए) के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने सभी पक्षों से अप्रैल में सीरिया के लिए विशेष दूत गीर ओ. पेडर्सन द्वारा प्रस्तुत किए गए 'ब्रिजिंग प्रस्ताव' पर चर्चा में शामिल होने का आह्वान किया।
उन्होंने यह भी कहा, 'मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले राजनीतिक ट्रैक को आगे बढ़ने के लिए हमें संघर्ष में सभी प्रमुख हितधारकों से सहयोग की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीरिया में राजनीतिक परिवर्तन एक विशेष प्रक्रिया नहीं है। हितधारकों को मौजूदा विभाजन को पाटने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। भारत ने हाल ही में उत्तरी सीरिया के अफरीन शहर में एक अस्पताल पर हुए हमले की भी निंदा की, जिसमें निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारत ने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी व्यापक युद्धविराम की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
गुप्ता ने कहा, देश भर में उत्तर-पश्चिमी सीरिया सहित फ्रंटलाइन पर लड़ाई किसी न किसी रूप में जारी है। निर्दोष नागरिकों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। यह भी चिंता का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत सिद्धांतों - राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के सम्मान का सीरिया में बार-बार उल्लंघन किया गया है। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सीरियाई संघर्ष के संबंध में विदेशी अभिनेताओं की भागीदारी पर पूरी गंभीरता से विचार करने का आह्वान किया और आतंकवाद की कड़ी निंदा करने में निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका में सीरिया से भाड़े के सैनिकों की मौजूदगी की खबरें भी उतनी ही चिंताजनक हैं। यह जरूरी है कि सभी पक्ष सीरिया में आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों से लड़ने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करें, जैसा कि सुरक्षा परिषद द्वारा निर्दिष्ट किया गया है। गुप्ता ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि इस क्षेत्र की दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता ही केवल सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित करके प्राप्त की जा सकती है। हम यह भी जानते हैं कि सीरियाई संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।