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संयुक्त राष्ट्र में फिर कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय फायदे के लिए सिरफिरे कदम उठा रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 07:36 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में फिर कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब
संयुक्त राष्ट्र में फिर कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा समिति में कश्मीर मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर कभी भी संयुक्त राष्ट्र के 'लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार' के एजेंडे का हिस्सा नहीं रहा और पाकिस्तान केवल क्षेत्रीय फायदे के लिए ऐसे सिरफिरे कदम उठा रहा है।

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पाकिस्‍तान ने एक बार फिर कश्‍मीर का राग अलापा 

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की निवर्तमान राजदूत मलीहा लोधी ने महासभा समिति के समक्ष एक बार फिर कश्मीर का राग अलापते हुए कहा था कि कश्मीरी खुद निर्णय लेने के अपने अधिकार का इंतजार कर रहे हैं, जिसका सुरक्षा परिषद के 11 प्रस्तावों में वादा किया गया है।

क्षेत्रीय फायदे के लिए उठा रहे सिरफिरे कदम

यह समिति सामाजिक, मानवीय मामलों और मानवाधिकारों के मुद्दों को देखती है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने बुधवार को 'लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार' पर महासभा की तीसरी समिति की चर्चा में कहा, 'यह प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय फायदे के लिए सिरफिरे कदम उठा रहा है और भारत के अभिन्न हिस्से जम्मू-कश्मीर का जिक्र करके इस महत्वपूर्ण एजेंडे को कमजोर करने में भी उसने कोई संकोच नहीं किया।'

आत्मनिर्णय का अधिकार एजेंडे का हिस्सा नहीं 

त्रिपाठी ने कहा, 'सच यह है कि जम्मू-कश्मीर का मामला कभी संयुक्त राष्ट्र के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के एजेंडे का हिस्सा नहीं रहा।' आत्मनिर्णय के लिए लोगों के अधिकार के सार्वभौमिक बोध पर महासचिव की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'ए/74/309 में निहित दस्तावेज को सतही तौर पर देखने से यह स्पष्ट होता है कि संयुक्त राष्ट्र के उल्लेख किए गए खुद निर्णय लेने के एजेंडे में जम्मू-कश्मीर शामिल नहीं है।' त्रिपाठी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में आत्मनिर्णय के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर को कभी भी दोषी नहीं ठहराया है।

गुतरेस ने की भारत-पाक से वार्ता की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरेस ने भारत और पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे को आपस में बातचीत करके सुलझाने की अपील की है। उन्होंने दोनों देशों से मानवाधिकारों को पूरी इज्जत दिए जाना सुनिश्चित करने को कहा है।

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही मीडिया ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, 'हमारी मूल चिंता को दोहराते हुए महासचिव (गुतरेस) ने पहले भी कश्मीर में हालात पर चिंता जताई है।' हक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव पहले भी वहां के हालात पर भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों से इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाने की अपील की है।

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