Modi in UNGA: अपने पहले भाषण में ही पीएम मोदी ने बंद कर दी थी पाकिस्तान की बोलती
PM Modi ने साल 2014 में UNGA को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण माहौल में बातचीत की पेशकश की थी। साथ ही उसके दोहरे चरित्र को दुनिया के सामने बेनकार कर दिया था।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मुख्य छह अंगों में से एक UNGA (United Nations General Assembly) यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दूसरा भाषण होगा। इससे पहले साल 2014 में उन्होंने UNGA को संबोधित किया था। तब प्रधानमंत्री ने इस वैश्विक मंच से पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण माहौल में बातचीत की पेशकश की थी और अच्छे व बुरे आतंकवाद में फर्क करने वाले देशों के दोहरे चरित्र को बेनकाब किया था। आइये जानते हैं कि तब पीएम मोदी ने पाकिस्तान को किस तरह घेरा था...
'वसुधैव कुटुंबकम' से की थी शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हर देश का अपना दर्शन होता है। वेद काल से ही भारत का दर्शन 'वसुधैव कुटुंबकम' का रहा है। भारत वह देश है जो प्रकृति के साथ बगैर संघर्ष के जीवन दर्शन के साथ आगे बढ़ता रहा है। भारत अपने लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए न्याय, गरिमा, अवसर एवं खुशहाली के पक्ष में आवाज बुलंद करता रहा है। अपनी अनूठी विचारधारा के कारण ही भारत बहुराष्ट्रवाद में यकीन करता है। लेकिन आज दुनिया बड़े तनाव और उथलपुथल के दौर से गुजर रही है। बड़े युद्ध नहीं हो रहे हैं लेकिन तनाव और संघर्ष साफ नजर आ रहा है। आज शांति का अभाव और दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है।
यूएन के मंच से की थी बातचीत की पेशकश
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत अपनी प्रगति के लिए एक शांतिपूर्ण और स्थिर अंतरराष्ट्रीय वातावरण की अपेक्षा करता है। हमारा भविष्य हमारे पड़ोस से जुड़ा हुआ है। इसी कारण हमारी सरकार ने पड़ोसी देशों से मित्रता और सहयोग बढ़ाने पर प्राथमिकता दी है। पाकिस्तान के प्रति भी हमारी सरकार की यही नीति है। मैं पाकिस्तान से मित्रता और सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ बिना आतंक के साए में द्विपक्षीय बातचीत करना चाहता हूं। हालांकि उन्होंने तब भी कहा था कि पाकिस्तान को बातचीत के लिए उचित माहौल बनाना होगा।
दोस्ती की पहल को नहीं दी थी तरजीह
इस बात में कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। वह लाहौर भी गए थे लेकिन इस दौरे के फौरन बाद ही पठानकोट सैन्य अड्डे पर आतंकी हमला हुआ था जिसके दोषियों को पाकिस्तान ने आज तक सजा नहीं दी है। यही नहीं पाकिस्तान लगातार भारत को अस्थिर करने की साजिशें रच रहा है। अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के भारत के फैसले को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन से तो उसकी बौखलाहट और बढ़ गई है। वह सीमा पार से लगातार आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों में जुटा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जताई थी शंका
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस बात का संदेह अपने संबोधन में ही जता दिया था कि पाकिस्तान भारत की ओर से की जाने वाली दोस्ती की पहल को तरजीह नहीं देगा। उन्होंने अपने भाषण में कहा था, 'मेरे द्वारा इस मंच से समाधान के प्रयास कितने सफल होंगे इस पर कई राष्ट्रों को संदेह है। हमारे क्षेत्र में आतंकवाद रूपी खतरे से लड़ाई जारी है। हम बीते चार दशकों के आतंकवाद को झेल रहे हैं। आज आतंकवाद नए नए रूप और नाम से दुनिया के सामने प्रकट हो रहा है। इसके खतरे से छोटा या बड़ा उत्तर हो या दक्षिण में पूरब या पश्चिम कोई भी देश अछूता नहीं है।
पाकिस्तान पर किया था करारा प्रहार
पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर ही आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा था। मैं 20 साल पहले विश्व के नेताओं से मिलता था तो और आतंकवाद की चर्चा करता था तो उन्हें यह बात नहीं समझ में आती थी। लेकिन आज पूरा विश्व देख रहा है कि आतंकवाद किस प्रकार फैलता जा रहा है। क्या हम वाकई आतंकवाद जैसी ताकतों से मिलकर निपटने में ठोस अंतरराष्ट्रीय प्रयास कर रहे हैं। यह सवाल बड़ा गंभीर है। आज भी कई देश आतंकवादियों को अपने क्षेत्र में पनाह दे रहे हैं और आतंकवाद को अपनी नीति का उपकरण मानते हैं।
गुड और बैड टेरेरिज्म की बातें करने वालों पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मसले पर दो तरह की बातें करने वाले राष्ट्रों पर भी करारा हमला बोला था। पीएम मोदी ने कहा था कि जब गुड टेरेरिज्म और बैड टेरेरिज्म की बातें सुनने को मिलती हैं तब तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की हमारी निष्ठाओं पर सवाल खड़े होते हैं। पश्चिम एशिया में आतंकवाद की पाश्विकता पूर्ण वापसी तथा दूर और पास के देशों पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए हम संगठित कार्रवाइयों का स्वागत करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में क्षेत्र के सभी देशों की साझेदारी और समर्थन की जरूरत है।
एकबार फिर दुनिया के सामने बेनकाब होगा पाकिस्तान
आज एकबार फिर प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े मंच पर होंगे। शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए वह क्या बोलेंगे इस पर भारत, पाकिस्तान, अमेरिका समेत पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद के मसले पर एकबार फिर पाकिस्तान के चेहरे को दुनिया के सामने बेनकाब करेंगे। वैसे तो उनका संबोधन क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास पर केंद्रित होगा लेकिन कश्मीर पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को देखते हुए माना जा रहा है कि वह आतंकवाद पर पड़ोसी देश को घेर सकते हैं। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का एकमात्र एजेंडा कश्मीर होगा।