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NASA की ऐतिहासिक खोज: चंद्रमा पर जीवन की संभावना के संकेत, ऐसे निकलता है पानी

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की ये स्टडी दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना के तलाश में काफी अहम साबित हो सकती है। नासा ने इस खोज में चांद के कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाया है।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:12 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 11:17 AM (IST)
NASA की ऐतिहासिक खोज: चंद्रमा पर जीवन की संभावना के संकेत, ऐसे निकलता है पानी
NASA की ऐतिहासिक खोज: चंद्रमा पर जीवन की संभावना के संकेत, ऐसे निकलता है पानी

मैरीलैंड,एएनआइ। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक ऐसी स्टडी की है, जिसकी मदद से आने वाले दिनों में चंद्रमा पर जीवन की खोज करने में काफी मदद मिल सकती है। नासा ने सोमवार को स्टडी में पाया कि उल्का पिंड़ों (meteor) की बौछारों के वक्त चंद्रमा की सतह पर पानी निकलता है। भविष्य में चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं के लिए नासा की ये स्टडी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। 

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ये खोज 'लुनार एट्मसफियर एंड डस्ट इनवायरमेंट एक्सप्लोरर' (एलएडीईई) ने की है। बता दें कि एलएडीईई नासा का रोबोटिक मिशन है। इसे 2013 से अप्रैल 2014 तक चंद्रमा की ऑरबिट का चक्कर लगाया। इसे चंद्रमा पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था। इससे ही पता चला कि चंद्रमा पर उल्का बौछार के वक्त पानी निकलता है। 

नासा की तरफ से जारी प्रेस रिलिज में कहा गया है कि 'चंद्रमा पर ज्यादातर वक्त H2O (पानी) और OH की मात्रा नहीं पाई जाती लेकिन चंद्रमा से उल्का पिंड गुजरने पर भाप का पता चला है। जब भी उल्का पिंड चंद्रमा से गुजर जाते है तब   H2O और OH अपने आप समाप्त हो जाता है। चंद्रमा पर पानी और भाप से जुड़ी यह रिसर्च 'नेचर जियोसाइंस' में छपी है जिसे नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के मेहदी बेना ने तैयार की है

नासा के मुताबिक, वैज्ञानिकों की इस खोज से चंद्रमा की तसह पर पानी की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं इसकी मदद से चंद्रमा के इतिहास, दिन प्रतिदन हो रही गतिविधियों और विकास के बारे में पता चलेगा। पानी का पता चलने से चंद्रमा पर स्थित गड्ढों (craters)में बर्फ की मौजूदगी है या नहीं इसकी जानकारी भी मिलेगी। हालांकि, इस खोज में जितने भी वैज्ञानिक शामिल है उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया है कि धरती की सतह पर और इसके आसपास मौजूद पानी उल्का पिंड़ों की वजह से है। वैज्ञानिकों ने कहा कि कुछ पानी चंद्रमा पर हुई उल्का पिंड़ों से आया हो सकता है।


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