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नए जोखिमों के लिए तैयार रहे ग्लोबल इकोनॉमी : आइएमएफ

अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को नई तरह की चुनौतियों और नए जोखिमों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 11:02 PM (IST)
नए जोखिमों के लिए तैयार रहे ग्लोबल इकोनॉमी : आइएमएफ
नए जोखिमों के लिए तैयार रहे ग्लोबल इकोनॉमी : आइएमएफ

नुसा डुआ (इंडोनेशिया)। अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को नई तरह की चुनौतियों और नए जोखिमों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। सालाना बैठक खत्म होने के बाद शनिवार को इन सर्वोच्च ग्लोबल संस्थाओं ने दुनियाभर के देशों से कर्ज को नियंत्रित रखने की अपील की है।

इसके साथ ही आइएमएफ और विश्व बैंक ने दुनियाभर के देशों से कहा है कि वे महंगाई दर पर असर नहीं पड़ने की सीमा तक बाजार को कर्ज मुहैया कराएं और मजबूत आर्थिक विकास दर बरकरार रखना सुनिश्चित करें, ताकि नई तरह की चुनौतियों से निपटा जा सके।

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नकारात्मक असर का कोई समाधान पेश नहीं

आइएमएफ और विश्व बैंक की इस वर्ष की बैठक पर दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई तात्कालिक अस्थिरता हावी रही। इसके साथ ही दोनों शीर्ष संस्थाएं चीन और अमेरिका के बीच गहराते ट्रेड वार के साए से उबर पाई और ना ही ग्लोबल बाजार पर उसके नकारात्मक असर का कोई समाधान पेश कर पाई।

फिर भी, आइएमएफ प्रशासकों के बोर्ड को सलाह देने वाली अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (आइएमएफसी) ने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे अपनी मुद्राओं का अवमूल्यन कर निर्यात से तात्कालिक फायदा उठाने की नहीं सोचें। अगर वे ऐसा करते हैं, तो इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित होगी।

रफ्तार को लगा धक्‍का

बैठक के पहले ही दिन आइएमएफ ने ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान 3.9 फीसद से घटाकर 3.7 फीसद कर दिया था। आखिरी दिन आइएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि नवीनतम अनुमान के लिहाज से भी इस वर्ष दुनियाभर की आर्थिक विकास दर कम नहीं रहने वाली है।

लेकिन, यह सच है कि इसकी रफ्तार को धक्का लगा है। लेगार्ड ने कहा, 'विकास दर का स्थिर रहने को अस्थिरता नहीं कहा जा सकता। ग्लोबल इकोनॉमी के क्षितिज पर संकट के बादल हैं और उनमें से कुछ बरसने भी शुरू हो गए हैं।'

लेगार्ड का कहना था कि देशों के मौजूदा कर्ज का जो स्तर है, उसे देखते हुए संस्था एक ही बात कह सकती है कि ट्रेड वार को धीमा कीजिए और बातचीत के रास्ते पर लौटिए। अपनी-अपनी नीतियों पर ध्यान दीजिए और परस्पर सहयोग कीजिए, क्योंकि इसी से वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।

चीन-अमेरिका ने रखे पक्ष
बैठक में चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर यी गैंग ने संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) से चल रहे मौजूदा ट्रेड वार पर कहा कि संरक्षणवादी कदम और कारोबारी तनातनी वर्तमान में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल हैं।

वहीं, अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने चीन से ट्रेड वार को खतरनाक स्तर का मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि चीन के साथ अमेरिका का मामला किसी एक वस्तु के आयात-निर्यात से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह एक सैद्धांतिक मामला है। इस पर चीन को विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि अगले महीने जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में ट्रंप-चिनफिंग मुलाकात अभी निश्चित नहीं है।


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