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कोरोना महामारी से लड़ाई में कमजोर देशों की मदद के लिए आइएमएफ ने 650 अरब डालर की दी मंजूरी

190 राष्ट्रों को कर्ज देने वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के इतिहास में अपनी तरह के सबसे बड़े विस्तार वाली यह नई मदद दुनिया के लिए एक उत्साहवर्धक सहायता होगी। आइएमएफ बोर्ड ने कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए संसाधनों में 650 अरब डालर के विस्तार को मंजूरी दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 02:19 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 02:19 AM (IST)
कोरोना महामारी से लड़ाई में कमजोर देशों की मदद के लिए आइएमएफ ने 650 अरब डालर की दी मंजूरी
आईएमएफ के इतिहास में यह मदद 'दुनिया के लिए उत्साहवर्धक सहायता' होगी

वाशिंगटन, एपी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने कोरोना महामारी से लड़ाई में आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद के लिए संसाधनों में 650 अरब डालर (46.80 लाख करोड़ रुपये) के विस्तार को मंजूरी दी है।

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जार्जीएवा ने कहा- आईएमएफ के इतिहास में यह मदद 'दुनिया के लिए उत्साहवर्धक सहायता' होगी

आइएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जार्जीएवा ने शुक्रवार को कहा कि 190 राष्ट्रों को कर्ज देने वाले संस्थान के इतिहास में अपनी तरह के सबसे बड़े विस्तार वाली यह नई मदद 'दुनिया के लिए एक उत्साहवर्धक सहायता' होगी।

IMF ने 2008 के वित्तीय संकट के बाद एसडीआर भंडार में 250 अरब डालर की वृद्धि को दी थी मंजूरी

वित्त पोषण विस्तार के आकार को संदर्भ में रखने के लिए आइएमएफ ने 2008 के वित्तीय संकट के बाद विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) भंडार में 250 अरब डालर की वृद्धि को मंजूरी दी थी।

चीन से निकले कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट का आना जारी

चीन से निकले कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट का आना जारी है। इस क्रम में संभावना जताई जा रही है कि महामारी कोविड-19 की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। इसे लेकर दुनिया भर में रिसर्च जारी है। इस बीच ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च के नतीजों से राहत मिली है। दरअसल इसमें दावा किया गया है कि बच्चों और किशोरों में संक्रमण का असर अधिक खतरनाक नहीं होगा। वायरस से संक्रमण का अधिक खतरनाक रूप केवल उन बच्चों पर दिखेगा जो किसी दूसरे रोग से भी पीड़ित हैं।

बच्चों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा बेहद कम

बच्चों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के खतरे को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि बच्चों और किशोरों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा बेहद कम होता है। इनमें मौत का जोखिम भी बेहद निम्न पाया गया है। अध्ययन का यह निष्कर्ष ऐसे वक्त सामने आया है, जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर संभावना जताई जा रही है। ऐसा कहा गया है इस लहर का प्रकोप खासतौर पर बच्चों पर होगा। 


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