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अच्छी जॉब चाहते हैं तो सोच समझ कर करें पोस्ट, विवादित मसलों पर राय न रखने से मिल सकता है फायदा

अमेरिका की पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि यदि आप जॉब की तलाश कर रहे हैं तो विवादित मुद्दों पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:13 AM (IST)
अच्छी जॉब चाहते हैं तो सोच समझ कर करें पोस्ट, विवादित मसलों पर राय न रखने से मिल सकता है फायदा
अच्छी जॉब चाहते हैं तो सोच समझ कर करें पोस्ट, विवादित मसलों पर राय न रखने से मिल सकता है फायदा

न्यूयार्क, आइएएनएस। यदि आप जॉब की तलाश कर रहे हैं तो विवादित मुद्दों पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें। यदि आप ऐसे विषयों पर अपनी राय फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी सोशल साइटों में रखते हैं तो हो सकता है कोई काम आपको मिलते-मिलते रह जाए। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है नियोक्ता ऐसे अभ्यर्थियों का चयन करने से बचते हैं जो विवादित मुद्दों पर भी सोशल मीडिया पर अपनी राय रखते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सिलेक्शन एंड असेसमेंट में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि ऐसे लोगों की नियुक्ति होने की संभावना भी कम रहती है जो ड्रग्स या शराब के उपयोग की सामग्री पोस्ट करते हैं।

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तटस्थ रहना ही फायदेमंद

अमेरिका की पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के माइकल टस ने 'करियर बिल्डर' के हवाले से बताया कि वर्ष 2018 में 70 फीसद नियोक्ताओं ने अपने संभावित कर्मचारियों की सोशल मीडिया पोस्टों का मूल्यांकन किया और नकारात्मक और विवादित मुद्दों पर टीका-टिप्पणी करने वाले 60 फीसद अभ्यर्थियों के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसलिए कहा जा सकता है कि जॉब की तलाश कर रहे लोगों को सोशल मीडिया कर पोस्ट करने से पहले तटस्थ रहना चाहिए क्योंकि प्रबंधकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि जिनका वे चयन करने जा रहे हैं, उनमें नकारात्मकता तो नहीं भरी पड़ी है। या वे कितना सकारात्मक सोचते हैं और अपने काम को कैसे अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। दरअसल, लोगों के चाल-चलन में उनकी मानसिक स्थिति और कार्यक्षमता परिलक्षित होती है।

ऐसे किया अध्ययन

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने नियोक्ताओं के निर्णय को प्रभावित करने वाले तीन नकारात्मक विषयों (आत्म तल्लीनता, स्वच्छंदता और शराब और ड्रग्स का इस्तेमाल) को लेकर जांच की। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग संस्थानों के 436 नियोक्ताओं की निर्णय प्रक्रिया का आकलन किया। शोधकर्ताओं ने सभी संस्थानों को काल्पनिक अभ्यर्थियों का पर्चा दिया, जिसमें सभी सवालों के जवाब शानदार तरीके से दिए गए थे। नियोक्ताओं को अभ्यर्थी की फेसबुक प्रोफाइल की समीक्षा कर नौकरी मिलने की संभावना बताने को कहा गया। प्रोफाइल को देखने के बाद नियोक्ताओं ने उनके संस्थान के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी का आकलन किया।

आत्म तल्लीनता है नुकसानदेह

शोधकर्ताओं ने बताया कि नियोक्ताओं ने आत्म-तल्लीनता को नौकरी पाने के लिए नकारात्मक गुण के रूप में देखा। टस ने कहा कि सोशल मीडिया साइट अक्सर आत्म तल्लीनता का बढ़ाने का काम करती है। नियोक्ता यह देखते हैं कि जो व्यक्ति अपने आप में ही ज्यादा तल्लीन रहते हैं उनसे अन्य कर्मचारियों और संस्थान को फायदा होने की संभावना न के बराबर होती है क्योंकि वे लोग अपने में ही गुम रहते हैं। कई बार ऐसा भी होता है वे अपना काम तक नहीं कर पाते ऐसे में संस्थान का काम भी प्रभावित होता है।

योग्यता को प्रभावित करती है नकारात्मक पोस्ट

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सोशल मीडिया की साइटों के जरिये लोग किसी भी मुद्दे पर बेबाकी से अपने विचार रखने हैं। ऐसे में कई बार लोग ऐसी पोस्ट भी शेयर कर देते हैं जो विवादित होती हैं और धर्म-संप्रदायों के बीच लड़ाई का कारण भी बन जाती है। नियोक्ताओं ने ऐसे लोगों की गणना झगड़ालू और असहयोगी के तौर पर की है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसे पोस्ट अभ्यर्थी को उसकी योग्यता से अधिक प्रभावित करते हैं। इसलिए जॉब की तलाश कर रहे लोगों को चाहिए कि वे ऐसी कोई भी पोस्ट करने से बचें जिससे समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़े। 


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