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नए ग्रह बर्नाड बी पर नजर आई जीवन की संभावना

बर्नार्ड बी की खोज से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस खोज के साथ ही धरती के निकट दो सौरमंडलों का पता लग गया है, जिनमें ग्रह हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 10:44 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 10:45 AM (IST)
नए ग्रह बर्नाड बी पर नजर आई जीवन की संभावना
नए ग्रह बर्नाड बी पर नजर आई जीवन की संभावना

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। दूसरी दुनिया पर जीवन की संभावना तलाश रहे वैज्ञानिकों को उम्मीद की नई किरण दिखी है। धरती के दूसरे सबसे निकट के सौरमंडल में परिक्रमा कर रहे ग्रह बर्नार्ड बी पर जीवन के संकेत नजर आए हैं। हाल ही में खोजे गए इस ग्रह पर वैज्ञानिकों ने जीवन के लायक परिस्थिति होने का अनुमान व्यक्त किया है।

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बर्नार्ड बी ग्रह को जीजे-699 नाम भी दिया गया है। द्रव्यमान में धरती से करीब 3.2 गुना ज्यादा इस ग्रह को पिछले साल नवंबर में खोजा गया था। इसके तारे का नाम बर्नार्डस स्टार है। यह ग्रह अपने तारे की परिक्रमा 233 दिन में पूरी करता है। यह अपने तारे की परिक्रमा स्नो-लाइन पर करता है। स्नो-लाइन तारे से उस दूरी को कहा जाता है, जिस पर पानी जम जाता है। अमेरिका की विलानोवा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस ग्रह पर तापमान शून्य से 170 डिग्री सेल्सियस तक नीचे है। बावजूद इसके अगर इसके कोर में गर्म लोहा या निकेल मौजूद हो और अंदर जियोथर्मल गतिविधियां होती हों, तो इस पर जीवन पनप सकता है।

शोधकर्ता एडवर्ड गिनान ने कहा, ‘जियोथर्मल गतिविधियों से पैदा हुई ऊर्जा इसकी सतह के अंदर जीवन के योग्य क्षेत्र बना सकती है। जीवन की यह व्यवस्था कुछ ऐसी ही होगी जैसी अंटार्कटिका में बर्फीली सतह के नीचे जीव पनपते हैं। हमने पाया है कि बृहस्पति ग्रह के बर्फीले चांद यूरोपा की सतह का तापमान बर्नार्ड बी की सतह के तापमान जितना ही है। लेकिन सतह के भीतर होने वाली गतिविधियों से पैदा हुए तापमान के कारण संभवत: यूरोपा की सतह के नीचे तरल समुद्र है।’

बर्नार्ड पर हुए अध्ययन से जुड़े नतीजों को हाल में सिएटल में आयोजित अमेरिकन एस्ट्रोनॉमी सोसायटी (एएएस) की 233वीं बैठक में पेश किया गया। गिनान ने कहा कि भविष्य में बड़े दूरबीनों की मदद से बर्नार्ड बी की बेहतर तस्वीरें मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘इन आंकड़ों से इस ग्रह के वातावरण, सतह और जीवन की संभावना को लेकर जानकारियां मिलेंगी।’

सूर्य से दोगुनी है इसके तारे की उम्र : बर्नार्ड बी के तारे बर्नार्डस स्टार की उम्र हमारे सूरज से दोगुनी है। यह करीब नौ अरब साल पुराना है। वहीं हमारे सूर्य की उम्र करीब 4.6 अरब साल आंकी गई है। इस तरह के ग्रहों और तारों की खोज से यह भी स्पष्ट होता है कि ब्रहांड में पृथ्वी के आकार के ग्रह हमारे सूर्य के निर्माण के भी अरबों साल पहले से बनते आ रहे हैं।

धरती के निकट मिले दो सौरमंडल : बर्नार्ड बी की खोज से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस खोज के साथ ही धरती के निकट दो सौरमंडलों का पता लग गया है, जिनमें ग्रह हैं। शोधकर्ता स्कॉट एंगल ने कहा कि इस खोज से केपलर अभियान से मिली जानकारियां पुष्ट हो रही हैं। नासा के केपलर अभियान में यह सामने आया था कि हमारी आकाशगंगा में ग्रहों का होना बेहद आम बात है। अनुमान के मुताबिक आकाशगंगा में ग्रहों की संख्या अरबों में हो सकती है।


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