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सदी के अंत तक आइसलैंड में नहीं बचेगी बर्फ, 13 इंच तक बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर

साइंस एडवांस पत्रिका में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है जिसमें कहा गया कि वायुमंडल में ग्रीनहाऊस गैस की सांद्रता बढ़ने के कारण बर्फ लगातार पिघल रही है और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 12:05 AM (IST)
सदी के अंत तक आइसलैंड में नहीं बचेगी बर्फ, 13 इंच तक बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर
सदी के अंत तक आइसलैंड में नहीं बचेगी बर्फ, 13 इंच तक बढ़ जाएगा समुद्र का स्तर

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। यदि ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी नहीं लाई गई तो इस सदी के अंत तक ग्रीनलैंड से साढ़े चार फीसद बर्फ कम हो जाएगी और बर्फ के पिघलने से समुद्र में जलस्तर 13 इंच बढ़ सकता है। एक अध्ययन में जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति आगाह करते हुए कहा गया है कि हो सकता है वर्ष 3000 तक इस आइलैंड में बर्फ का नामोनिशान नहीं बचे। यह अध्ययन 'साइंस एडवांस' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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अमेरिका के अलास्का फेयरबैंक्स जियोफिजिकल इंस्टीट्यूट के रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर एंडी एशवंडन ने कहा कि आज से 100 या हजार वर्षो बाद ग्रीनलैंड अपने वर्तमान स्वरूप में ही रहेगा यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह अध्ययन भविष्य के लिए एक नजीर पेश कर सकता है।

इस अध्ययन में यह बताया गया है कि वायुमंडल में ग्रीनहाऊस गैस की सांद्रता बढ़ने के कारण बर्फ लगातार पिघल रही है और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। वर्तमान में पृथ्वी में ग्रीनहाऊस गैसों का सर्वाधिक उत्सर्जन हो रहा है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर 660,000 वर्ग मील में फैली है और 81 फीसद बर्फ ग्रीनलैंड को ढके हुए है। इसमें पृथ्वी के ताजे पाने के कई स्त्रोत भी शामिल हैं। यदि वायुमंडल में ग्रीनहाऊस गैसों की सांद्रता वर्तमान समय के मुताबिक ही जारी रही तो वर्ष 3000 तक बर्फ पिघलने से वैश्विक स्तर पर समुद्र का जल स्तर 24 फीट तक बढ़ जाएगा। इसके कारण हो सकता है कि सेन फ्रांसिस्को, लॉस एंजलिस, न्यू ऑर्लेयंस जैसे शहर पानी में डूब जाएं।

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने नासा के हवाई विज्ञान अभियान के आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जिसे 'ऑपरेशन आइसब्रिज' कहा जाता है। इस अभियान के लिए प्रयुक्त विमान तीन प्रकार के राडार और वैज्ञानिक उपकरणों से लैस थे, जो बर्फ की सतह को मापने के साथ-साथ बर्फ की भीतरी परत और जमीन का डाटा आसानी से एकत्र कर सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर औसतन 1.6 मील मोटी है, लेकिन कई स्थानों पर इसमें भिन्नताएं भी देखने को मिलती हैं। 1991 और 2015 में, ग्रीनलैंड की बर्फ पिघलने से समुद्र स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 0.02 इंच की वृद्धि हुई है। यदि परिस्थितियां वर्तमान जैसी ही रहीं तो स्वाभाविक तौर पर समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है।

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