मेमो विवाद पर बोले गूगल के सीईओ- अपने फैसले पर मुझे कोई पछतावा नहीं
गूगल द्वारा नौकरी से निकाले जाने के बाद जेम्स डेमोर ने इस महीने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है।
सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि पिछले साल कंपनी की पॉलिसी की आलोचना करने वाले कर्मचारी को बर्खास्त करने के फैसले पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है। आपको बता दें कि जेम्स डेमोर नामक एक कर्मचारी ने कंपनी पर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाया था। इस संबंध में एक मेमो जारी करते हुए कंपनी के भीतर महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव होने का जिक्र किया था। हालांकि इस मेमो की कड़ी आलोचना करते हुए गूगल ने डेमोर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
एक इंटरव्यू में डेमोर के संबंध में सवाल पूछे जाने पर पिचाई ने कहा, मुझे इसका पछतावा नहीं है। यह सही फैसला था। जब हम इस तरह का कोई फैसला करते हैं तो उसे राजनीतिक लिहाज से बिल्कुल नहीं देखते हैं।
डेमोर ने गूगल्स आइडियॉलजिकल इको चैंबर शीर्षक से 10 पेज का एक मेमो लिखा था और उसमें लैंगिक भेदभाव को दूर करने के प्रति गूगल के गंभीर नहीं होने की बात की गई थी। यह मेमो लोगों द्वारा काफी साझा किया गया था और इसके बाद गूगल की आलोचना तेज हो गई थी।
गूगल द्वारा नौकरी से निकाले जाने के बाद डेमोर ने इस महीने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है। साथ ही कंपनी श्वेतों के खिलाफ भेदभाव किए जाने का आरोप भी लगाया है। डेमोर ने कैलिफोर्निया की एक अदालत में दायर मुकदमे में कहा कि गूगल ने उन्हें और उनके एक साथी को अपमानित, दंडित और निष्कासित किया है। डेमोर ने पिछले साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘वाय आई वॉज फायर्ड बाय गूगल’ शीर्षक से ओप-एड भी लिखा था।
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