हाई बीपी के हैं मरीज तो हो जाएं सावधान, उच्च रक्तचाप के रोगियों को मिर्गी होने का भी खतरा होता है दोगुना
वैज्ञानिकों का कहना है कि उच्च रक्तचाप (हाईपरटेंशन या हाई ब्लडप्रेशर) से किसी भी वयस्क में मिर्गी के लक्षण विकसित होने का खतरा दोगुना हो सकता है। यह शोध जरनल एपिलेप्सिया में प्रकाशित हुआ है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
वाशिंगटन, एएनआइ। एक नए अध्ययन के मुताबिक, उच्च रक्तचाप (हाईपरटेंशन या हाई ब्लडप्रेशर) से किसी भी वयस्क में मिर्गी के लक्षण विकसित होने का खतरा दोगुना हो सकता है। यह शोध जरनल एपिलेप्सिया में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन 2,986 लोगों पर किया गया, जिसकी औसत आयु 58 वर्ष थी। अध्ययन में मिर्गी के 55 नए मामले पाए गए। इन सभी लोगों को पिछले 19 सालों से उच्च रक्तचाप की समस्या थी।
विज्ञानियों ने इस शोध के नतीजों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि लंबे समय तक उच्च रक्तचाप बढ़ा होने से या फिर इसे रोकने वाली दवाइयां खाने से उस मरीज में मिर्गी होने का भी खतरा दोगुना हो जाता है। बोस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मेडिसिन में हुए शोध के अनुसार, प्रतिभागियों को सामान्य रक्तचाप के साथ छोड़कर उन्हें एंटीहाईपरटेंशन दवा पर रखने के बाद उनमें मिर्गी के लक्षण दिखने का खतरा करीब 2.44 गुना बढ़ गया।
हालांकि इस शोध में केवल इन दोनों बीमारियों का आपस में संबंध बताया गया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह होता कैसे है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दोनों के बीच यह संबंध कैसे होता है यह पता लगाने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है।
वहीं दूसरी ओर अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि शारीरिक निष्क्रियता हम पर कई तरह से बुरे परिणाम डाल रही है। अध्ययन में पाया गया है कि यदि लोग रोजाना कम से कम 45 मिनट पैदल चलें तो अकेले अमेरिका में ही हर वर्ष कैंसर के 46,000 मामलों को रोका जा सकता है। अमेरिका के सभी राज्यों में छह लाख लोगों पर यह अध्ययन किया गया। इसमें कैंसर की आशंका और लोगों की शारीरिक गतिविधियों की आदतों का विश्लेषण किया। अध्ययन में महिला और पुरुषों दोनों को शामिल किया गया था।