मंगल का एक चौथाई हिस्सा तूफान की चपेट में, नासा के अपॉरच्युनिटी यान को खतरा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को कहा कि मंगल पर रेतीले तूफान के कारण उसका अपॉरच्युनिटी यान खतरे में पड़ गया है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को कहा कि मंगल पर रेतीले तूफान के कारण उसका अपॉरच्युनिटी यान खतरे में पड़ गया है। सौर ऊर्जा संचालित यह रोवर साल 2004 में लाल ग्रह पर उतरा था।
-रेतीले तूफान के कारण सौर ऊर्जा संचालित रोवर सूर्य की रोशनी से वंचित
अपॉरच्युनिटी प्रोजेक्ट के मैनेजर जॉन कॉलस ने कहा, 'हम चिंतित हैं। उम्मीद करते हैं कि तूफान बंद हो जाएगा और रोवर हमसे संपर्क करने में सक्षम हो जाएगा।' लाल ग्रह पर 30 मई से तूफान शुरू होने के बाद से रोवर की ऊर्जा क्षीण हो गई है। तूफान के चलते इसे ऊर्जा के मुख्य स्रोत यानी सूर्य की रोशनी नहीं मिल पा रही है।
नासा के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि अपॉरच्युनिटी खुद-ब-खुद पावर सेविंग मोड में चला गया है। इससे उसका ज्यादातर फंक्शन ठप पड़ गया है। रोवर को अत्यंत ठंडे मंगल ग्रह पर ठीक से काम करने के लिए अपनी बैटरियों के तापमान को बनाए रखना जरूरी है।
कॉलस ने कहा, 'मंगल पर गर्मी शुरू होने वाली है। इससे तापमान में बढ़ोतरी होगी। इस समय मंगल का एक चौथाई हिस्सा तूफान की चपेट में है। यह हिस्सा पूरे अमेरिकी महाद्वीप के बराबर है।'
नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट के निदेशक जिम वत्जिन ने कहा, अनुमान है कि यह तूफान आने वाले दिनों में पूरे मंगल को अपनी चपेट में ले लेगा। इस ग्रह पर ऐसे हालात 2001 और 2007 में भी पैदा हुए थे। वैज्ञानिकों को यह पता नहीं है कि मंगल पर तूफान कब बंद होगा और रोवर उसी सूरत में नई सौर ऊर्जा पैदा करेगा जब उसके सभी सिस्टम सही तरह काम करते रहेंगे।