ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियों को सीमित करने का 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित
अमेरिकी संसद के निचले सदन से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियों को सीमित करने का प्रस्ताव पारित हो गया है।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शायद ईरान के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने में सक्षम न रहें। अमेरिकी संसद के निचले सदन से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियों को सीमित करने का 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित हो गया है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। अगर उच्च सदन में भी यह प्रस्ताव पारित हो गया, तो डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियां ईरान के खिलाफ युद्ध संबंधी निर्णय लेने में सीमित रह जाएंगी। हालांकि, ऐसा होना थोड़ा मुश्किल लगता है।
ईरान के सबसे ताकतवर शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। कुछ नहीं कहा जा सकता कि ईरान कब क्या कदम उठा ले। ऐसे में अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन ने वॉर पावर्स प्रस्ताव पारित कर डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियां कम करने की ओर एक कदम बढ़ाया है। हालांकि, ये प्रस्ताव अपनी मंजिल तक शायद ही पहुंच पाए। दरअसल, डेमोक्रेटिक सांसदों के बहुमत वाले निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। अब इस प्रस्ताव को कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में रखा जाएगा। लेकिन रिपब्लिकन सांसदों के बहुमत वाले सीनेट में प्रस्ताव का पास होना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए डोनाल्ड ट्रंप को अभी फिक्र करने की जरूरत नहीं है।
कासिम सुलेमानी के अमेरिका द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक हमले में मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। वैसे, बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के साथ शांति की पेशकश के बाद फिलहाल शांति होती नजर आ रही है। हालांकि, ट्रंप के खिलाफ अब अमेरिका में ही एक फ्रंट खुल गया है। महाभियोग प्रस्ताव के बाद अब हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने ट्रंप की युद्ध को लेकर शक्तियां सीमित करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने संसद को जानकारी दिए बिना ही इराक में ईरान के कमांडर जनरल सुलेमानी पर ड्रोन हमले की इजाजत दे दी थी। इसके बाद नैंसी पेलोसी ने अमेरिकी सांसदों को लेटर लिखकर राष्ट्रपति की सैन्य कार्रवाई को सीमित करने का प्रस्ताव रखा था। ऐसी खबरें भी सुनने को मिली थी कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स सुलेमानी पर हमला करने के पक्ष में नहीं था।