टीबी के प्रभावशाली टीके की जगी उम्मीद
विश्व के सबसे घातक संक्रमण का 20 साल से नहीं खोजा जा सका है कोई कारगर टीका, अब एक असरदार टीके को विकसित करने के करीब पहुंचे वैज्ञानिक...
लंदन (प्रेट्र)। दुनिया की सबसे जानलेवा संक्रामक बीमारियों में से एक टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस को निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने एक अहम खोज की है। वैज्ञानिक टीबी का टीका बनाने की दिशा में एक कदम और नजदीक पहुंचते हुए मानव शरीर में पाई जाने वाली एक खास तरह की कोशिका को प्रतिरोधक के रूप में तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।
दुनियाभर में हर साल करीब 17 लाख लोगों की होती है मौत : शोधकर्ताओं के मुताबिक, टीबी के कारण हर वर्ष दुनियाभर में करीब 17 लाख लोगों की मौत होती है। किसी अन्य संक्रमण की तुलना में टीबी के कारण मरने वालों लोगों की संख्या सर्वाधिक है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस घातक संक्रमण के उपचार मौजूद हैं, लेकिन कोई भी शत प्रतिशत कारगर नहीं है। इसी के चलते दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका असरदार और कारगर उपचार तलाशने में प्रयासरत हैं।
खत्म हो रहा है एंटीबायोटिक्स का असर: वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस वायु जनित बीमारी पर एंटीबायोटिक्स का असर खत्म होता जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ वैश्विक स्तर पर 20 वर्षों से जारी प्रयासों के बावजूद कोई भी प्रभावशाली टीका विकसित नहीं हो पाया है।
वैज्ञानिकों ने इस पर दिया ध्यान : हालिया प्रयासों में संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक परंपरागत मानवीय टी कोशिका की माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एमटीबी) में पाए जाने वाले प्रोटीन के अंशों पर प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया। टी कोशिका श्वेत रक्त कोशिका है और एमटीबी वह जीवाणु है, जिसके कारण टीबी होता है।
अध्ययन में यह आया सामने
इंग्लैंड में साउथैंपटन और बांगोर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान पाया कि विशेष प्रकार के लिपिड गैरपरंपरागत प्रकारों की टी कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय कर सकते हैं। पीएनएएस नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार टीम ने पाया कि लिपिड के समूह, जिन्हें माइकोलिक एसिड कहा जाता है वे प्रतिरोधी प्रतिक्रिया तय करने में अहम हो सकते हैं। ये एसिड एमटीबी कोशिका के अहम घटक हैं।
उत्साहित करने वाली खोज
साउथैंपटन यूनिवर्सिटी के सालाह मंसौर के मुताबिक, टीबी के मरीजों के लिए उपयुक्त टीका उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक उत्साहित करने वाली खोज है। हम ऐसी की किसी खोज के प्रयास में थे। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी यह खोज निकट भविष्य में टीबी के मरीजों के लिए एक प्रभावशाली टीका उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
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