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सुनने और देखने की समस्या बढ़ाती है डिमेंशिया का खतरा, पढ़ें शोधकर्ताओं ने क्या कहा

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं ने किया दावा। पढ़ें शोध में सामने आई बातें।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:59 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:59 AM (IST)
सुनने और देखने की समस्या बढ़ाती है डिमेंशिया का खतरा, पढ़ें शोधकर्ताओं ने क्या कहा
सुनने और देखने की समस्या बढ़ाती है डिमेंशिया का खतरा, पढ़ें शोधकर्ताओं ने क्या कहा

वाशिंगटन, आइएएनएस। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है जिन लोगों को देखने और सुनने की समस्या होती है उन्हें डिमेंशिया का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। जर्नल एल्जाइमर्स एंड एएमपी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि इन दोनों ही समस्याओं का संबंध स्वतंत्र रूप से डिमेंशिया से है लेकिन इसके प्रभावों का अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है।

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अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक फिलिप एच ह्वांग ने कहा कि प्रौढावस्था में सुनने और देखने की क्षमता में कमी आना इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति को डिमेंशिया और एल्जाइमर का खतरा पनप रहा है। ऐसे मामलों के सामने आने पर डॉक्टर एल्जाइमर और डिमेंशिया के संभावित मरीजों की पहचान कर उनका समय रहते इलाज शुरू कर सकते हैं।

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 2051 लोगों का चुनाव किया। इसमें 22.8 फीसद लोगों में से कुछ की देखने और कुछ की सुनने की क्षमता प्रभावित थी और 5.1 फीसद लोगों को दोनों ही समस्याएं थीं। इन लोगों की सस्याओं पर शोधकर्ताओं ने लगातार आठ सालों तक अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि जिन लोगों को दोनों ही सस्याएं थी उन्हें अन्य के मुकाबले डिमेंशिया का खतरा 86 फीसद ज्यादा था। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि पिछले आठ वर्षो में इन लोगों में डिमेंशिया 14.3 फीसद तक बढ़ गया था।


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