Move to Jagran APP

गुतेरस ने कहा- कोरोना संकट में युवा पीढ़ी को गंवा देना विश्व बर्दाश्त नहीं कर सकता

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस आगाह किया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के संकट के दौर में युवाओं को कट्टरपंथी बनाए जाने का खतरा बढ़ गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 06:28 PM (IST)
गुतेरस ने कहा- कोरोना संकट में युवा पीढ़ी को गंवा देना विश्व बर्दाश्त नहीं कर सकता
गुतेरस ने कहा- कोरोना संकट में युवा पीढ़ी को गंवा देना विश्व बर्दाश्त नहीं कर सकता

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस आगाह किया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के संकट के दौर में युवाओं को कट्टरपंथी बनाए जाने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी संगठन इन युवाओं के गुस्से और हताशा का फायदा उठा सकते हैं। इस वैश्विक संकट के कारण युवा पीढ़ी को इस तरह गंवा देना विश्व बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

loksabha election banner

गुतेरस ने कहा- हर पांच में से एक युवा शिक्षा, प्रशिक्षण या रोजगार से अछूता है

गुतेरस ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सुरक्षा परिषद को आगाह करते हुए कहा कि यह तब जब युवा इस संकट से पहले से ही बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने चौंकाने वाले आंकड़े बताते हुए कहा कि हर पांच में से एक युवा पहले से ही शिक्षा, प्रशिक्षण या रोजगार से अछूता है। उन्होंने कहा कि सत्तासीन लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इन कुंठाओं और विफलताओं के बीच कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं। लोगों का राजनीतिक प्रतिष्ठानों और संस्थानों से विश्वास उठ रहा है। ऐसे सूरते हाल में कट्टरपंथी ताकतों के लिए युवाओं को गुमराह करना आसान हो जाता है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के अनुसार-90 अरब डॉलर से 70 करोड़ गरीबों को मदद

दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख मार्क लोकुक ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान 90 अरब डॉलर (करीब 68,26,54,50,00,000 रुपये) से विश्व के 70 करोड़ गरीबों को आर्थिक, खाद्यान्न और स्वास्थ्य संबंधी सहायता दी जा सकती है। यह रकम उस आठ खरब अमेरिकी डॉलर पैकेज का एक फीसद हिस्सा है जो बीस अमीर देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिए खर्च कर रहे हैं।

कोविड-19 वैश्विक महामारी अभी तक विश्व के गरीब हिस्सों में नहीं पहुंची

लोकुक ने कहा कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी अभी तक विश्व के बहुत से गरीब हिस्सों में नहीं पहुंची है, लेकिन अगले तीन से छह महीनों में इस महामारी के चरम पर पहुंचने पर इसकी पहुंच उन स्थानों तक भी होगी। अगर आप इन सबकी रक्षा आय में कमी से करना चाहते हैं तो इन्हें 60 अरब डॉलर तक की मदद देनी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.