संयुक्त राष्ट्र केरल में बाढ़ से हुई तबाही पर चिंतित, स्थिति पर बनाए हुए है नजर
संयुक्त राष्ट्र भारत में बाढ़ से मची तबाही और मौतों से परेशान है। यह बाढ़ लगभग 100 सालों में सबसे विनाशकारी बाढ़ है।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने केरल में आई भयानक बाढ़ से लोगों की मौत पर दुख जताया है। साथ ही कहा, हम बाढ़ से उपजे हालात पर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं। गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने शुक्रवार को कहा,'भारत में बाढ़ की वजह से हुई मौतों, तबाही और बेघर हुए लोगों के प्रति गुतेरस ने दुख प्रकट किया है।
पिछले 100 वर्षों में पहली बार केरल को इतनी भयनाक बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।' डुजारिक ने कहा, इस मुश्किल हालात में हम भारत की हर संभव मदद करने को तैयार हैं। हालांकि उनकी तरफ से अभी तक ऐसी कोई गुजारिश नहीं की गई है।
वैसे, भारत इस तरह के हालात से निपटने में खुद सक्षम है। उसके पास बेहतर सरकारी तंत्र मौजूद है। फिर भी हमारी टीम वहां (भारत) मौजूद रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के साथ संपर्क बनाए हुए है।
बता दें कि केरल में बारिश और बाढ़ ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सूबे के कई हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। पानी को बाहर निकालने के लिए 80 डैम खोल दिए गए हैं। अब तक 324 लोगों की जान जा चुकी है और दो लाख 23 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। इन लोगों ने 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में शरण ले रखी है। मूसलाधार बारिश और बाढ़ के चलते कोच्चि एयरपोर्ट तक में पानी भर गया है, जिसके चलते इसको शनिवार तक के लिए बंद करना पड़ा। विमानों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है। ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाएं ठप हो गई हैं।
यूएई ने केरल बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रधानमंत्री मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने केरल बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए एक समिति का गठन किया है ताकि पीडि़तों तक हरसंभव मदद पहुंचाई जा सके। मकतूम ने शुक्रवार को अंग्रेजी और तमिल में ट्वीट किया।
उन्होंने लिखा,'हमारी सफलता के पीछे केरल के लोगों का सहयोग था और अभी भी है इसलिए यह हमारी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि हम उनकी इस कठिन समय में मदद करें।' रविवार को होने वाली समिति की बैठक में यूएई में भारत के राजदूत नवदीप सिंह सूरी भी हिस्सा लेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएई में 26 लाख भारतीय हैं जो वहां की जनसंख्या का 30 फीसद हैं।