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16 साल की ग्रेटा का नाम नोबेल शांति पुरस्कार की चर्चा में, अगले सप्ताह होंगे घोषित

इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से होने वाली है। विजेताओं के नाम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसमें भी सबसे ज्यादा चर्चा शांति के नोबेल पुरस्कार को लेकर है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 06:15 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:15 PM (IST)
16 साल की ग्रेटा का नाम नोबेल शांति पुरस्कार की चर्चा में, अगले सप्ताह होंगे घोषित
16 साल की ग्रेटा का नाम नोबेल शांति पुरस्कार की चर्चा में, अगले सप्ताह होंगे घोषित

स्टॉकहोम, एएफपी। इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से होने वाली है। विजेताओं के नाम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसमें भी सबसे ज्यादा चर्चा शांति के नोबेल पुरस्कार को लेकर है। इस बार यह पुरस्कार 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। सट्टेबाज भी उन्हीं के नाम को सबसे ज्यादा भाव दे रहे हैं।

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जलवायु परिवर्तन पर शुरू हुए युवा आंदोलन का वैश्विक चेहरा बनकर उभरीं स्वीडन की ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन पर अपनी चिंताओं और सवालों से दुनिया को झकझोरा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में गत 23 सितंबर को एक सम्मेलन में अपने भावनात्मक भाषण में दुनियाभर के नेताओं से कहा, 'आपने हमारे बचपन और सपनों को छीन लिया है। आपकी हिम्मत कैसे हुई? इसके लिए आपको माफ नहीं करूंगी।' ऑनलाइन लाडब्रोक्स जैसे सट्टेबाजों ने कहा है कि नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में ग्रेटा सबसे आगे हैं।

उम्मीदवारों की सूची नहीं होती  सार्वजनिक

नोबेल विजेता के नाम का अनुमान लगाना बेहद कठिन है क्योंकि नोबेल समिति जिन उम्मीदवारों पर विचार करती है, उनके नामों की सूची सार्वजनिक नहीं करती। इसलिए कई विशेषज्ञ इस तरह की अटकलों पर यकीन नहीं करते।

सबसे पहले घोषित होगा चिकित्सा का नोबेल

इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सात अक्टूबर से शुरू होगी। सबसे पहले चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा होगी। आठ को भौतिकी, नौ को रसायन, दस को साहित्य और 11 को शांति के नोबल पुरस्कार का एलान किया जाएगा। सबसे आखिर में 14 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता के नाम का एलान होगा।

इस बार साहित्य के दो नोबेल

इस साल साहित्य के दो नोबेल पुरस्कार दिए जाएंगे। पिछले साल सेक्स स्कैंडल और वित्तीय अनियमितताओं के कारण साहित्य पुरस्कार का एलान नहीं किया गया था। इससे स्वीडिश अकादमी की छवि खराब हुई थी। 70 वर्षो में यह पहला मौका था जब साहित्य का नोबेल नहीं दिया गया। यह स्कैंडल सामने आने के बाद अकादमी के 18 सदस्यों में से सात ने इस्तीफा दे दिया था। इस स्कैंडल में नोबेल पुरस्कार से जुड़ी स्वीडिश अकादमी की सदस्य कैटरीना फ्रोस्टेनसन के पति जीन-क्लाउड अरनाल्ट घिरे थे। उन पर विजेताओं के नाम लीक करने का भी संदेह जताया गया था।


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