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वॉशिंगटन: कश्मीरी पंड़ितों पर हुए आक्रमण को लेकर GKPD ने पाकिस्तान दूतावास के सामने निकाली विरोधी रैली

वॉशिंगटन में वैश्विक कश्मीरी पंडित प्रवासी (जीकेपीडी) और अन्य सामुदायिक संगठनों ने 1947 में पाक के कश्मीर के आक्रमण को याद करते हुए अमेरिका में स्थित पाकिस्तान के दूतावास के सामने एक कार विरोध रैली का आयोजन किया गया।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 11:52 AM (IST)
वॉशिंगटन:  कश्मीरी पंड़ितों पर हुए आक्रमण को लेकर GKPD ने पाकिस्तान दूतावास के सामने निकाली विरोधी रैली
वॉशिंगटन में कश्मीरी पंड़ितों पर हुए जुल्म के खिलाफ निकाली रैली।

वॉशिंगटन डीसी, एएनआइ। वैश्विक कश्मीरी पंडित प्रवासी (जीकेपीडी) और अन्य सामुदायिक संगठनों ने 1947 में पाक के कश्मीर के आक्रमण को याद करते हुए अमेरिका में स्थित पाकिस्तान के दूतावास के सामने विरोध में एख कार रैली आयोजित की।

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इस दौरान कई लोगों को गुलाम कश्मीर को खाली कराने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए देखा गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथों में पकड़े गए पोस्टरों में से एक पर लिखा था, पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। कश्मीर भारत का एक एकीकृत हिस्सा है।

एक अन्य पोस्टर में कहा गया है कि कश्मीर में 1947 का जिहादी हमला रातोंरात नहीं हुआ, यह पाकिस्तान द्वारा रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध थी। रैली के आयोजक और वाशिंगटन, डीसी जीकेपीडी समन्वयक डॉ मोहन सप्रू ने कहा कि मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए वर्तमान में रैली के प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की 73 साल की लंबी स्थायी नीति की अपनी पीड़ा और कठोर निंदा की आवाज उठाई है। 

यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) ने हाल ही में एक टिप्पणी में, 22 अक्टूबर को जम्मू और कश्मीर के इतिहास में सबसे काला दिन कहा, जब क्षेत्र को जब्त करने के लिए ऑपरेशन गुलमर्ग को एक बोली में लॉन्च किया गया था। एक यूरोपीय थिंक टैंक के अनुसार, आदिवासी आक्रमण 35,000 से 40,000 निवासियों के बीच मर चुका था।

यूरोपीय थिंक टैंक ने कहा कि आदिवासी आक्रमण के नियोजक और अपराधी, बिना किसी संदेह के, कश्मीरी लोगों के सबसे बड़े दुश्मन थे। 22 अक्टूबर 1947 को जिस दिन आक्रमण शुरू हुआ, वह जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे काला दिन है।

 

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