गणित समझने में लड़कों से पीछे नहीं लड़कियां, वैज्ञानिकों ने किए चौंकाने वाले खुलासे
गणित के मामले में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को अव्वल माना जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन में कहा गया है कि लड़के और लड़कियों के मस्तिष्क का विकास समान रूप से होता है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। गणित के मामले में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को अव्वल माना जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन में कहा गया है कि लड़के और लड़कियों के मस्तिष्क का विकास समान रूप से होता है। इसमें गणित की समझ को लेकर कोई लिंगभेद नहीं होता है। जर्नल ‘साइंस ऑफ लर्निग’ में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि लड़के और लड़कियों के मस्तिष्क के विकास में कोई अंतर नहीं होता है। यही नहीं गणित के गूढ़ सूत्रों को समझने में लड़कियां लड़कों से कहीं पीछे नहीं हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि बच्चों में गणित का कौशल कैसे प्रभावित होता है।
ऐसे किया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए अमेरिका की कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पहली बार बच्चों के मस्तिष्क का न्यूरोइमेजिंग के जरिये अध्ययन किया। ताकि यह पता लगाया जा सके कि बायोलॉजिकल (जैविक) लैंगिक भेद का गणित की समझ में क्या प्रभाव पड़ता है। अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस अध्ययन के सह-लेखक एलिसा केर्सी ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण बात है कि शारीरिक स्तर पर भले ही हम एक-दूसरे से काफी भिन्न दिखते हों लेकिन हममें कई समानताएं भी हैं।’
मस्तिष्क में चलती हैं जैसी प्रक्रियाएं
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि शैक्षिक वीडियो देखते समय लड़के और लड़कियां दोनों समान रूप से व्यस्त थे। केर्सी ने कहा, ‘सिर्फ इतना ही नहीं कि लड़के और लड़कियां गणित की समस्याओं को हल करने के लिए एक जैसे तरीके अपनाते हैं, बल्कि इन समस्याओं को हल करने के लिए उनके मस्तिष्क में एक जैसी प्रक्रियाएं भी चलती हैं।’ इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने तीन से 10 साल तक की उम्र के 104 बच्चों (55 लड़कियां और 49 लड़कों) के मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने के लिए शैक्षणिक वीडियो देखने के दौरान फंग्शनल एमआरआइ का अध्ययन किया और दोनों के मस्तिष्क की समानताओं का पता लगाया।
स्कैन की मस्तिष्क की गतिवधियां
शोधकर्ताओं की टीम ने बच्चों के मस्तिष्क की परिपक्वता का पता लगाने के लिए एमआरआइ के स्कैन की तुलना 63 वयस्कों के मस्तिष्क की गतिवधियों के स्कैन से की। इसके लिए उन्हें भी बच्चों की तरह शैक्षणिक वीडियो दिखाए गए। शोधकर्ताओं ने कहा, अध्ययन से पता चलता है कि गणित के मामले में बच्चों में समझ एक-सी ही रहती है और इसमें भिन्न आयुवर्ग और लैंगिक भेद कहीं नहीं देखने को मिलता।
समाज की वजह से पीछे हैं महिलाएं
कार्नेगी मेलन यूनिवसिर्टी की मुख्य शोधकर्ता जेसिका कैंटन ने कहा, ‘समाज और संस्कृति की वजह से लड़कियां और महिलाएं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्रों से दूर हैं।’उन्होंने कहा कि इसके अलावा पुरुषों की गणित बेहतर होने का कारण परिजनों का लड़कों के साथ खेलने में ज्यादा समय व्यतीत करना और स्कूलों में शिक्षकों द्वारा गणित की कक्षा के दौरान लड़कियों के मुकाबले लड़कों पर ज्यादा ध्यान देना हो सकता है। कैंटन ने कहा कि हो सकता है सभी जगह ऐसी परिस्थितियां न हों, पर यह लड़कियों के पिछड़ने का एक मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि यदि गणित के मामले में लड़कियों को भी आगे बढ़ना है तो हमें समाज और संस्कृति से परे सोचना और समझना होगा।